Katghora Election Results 2023: जानें, कटघोड़ा (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को

कटघोड़ा विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 197615 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 59227 ने कांग्रेस उम्मीदवार पुरूषोत्तम कंवर को वोट देकर जिताया था, जबकि 47716 वोट पा सके बीजेपी प्रत्याशी लखन लाल देवांगन 11511 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Katghora Election Results 2023: जानें, कटघोड़ा (छत्तीसगढ़) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में 7 तथा 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

आज से 22 साल पहले मध्य प्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Assembly Elections 2023) राज्य के उत्तर क्षेत्र में मौजूद है कोरबा जिला, जहां बसा है कटघोड़ा विधानसभा क्षेत्र, जो अनारक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 197615 मतदाता थे, और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार पुरूषोत्तम कंवर को 59227 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि बीजेपी उम्मीदवार लखन लाल देवांगन को 47716 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 11511 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में कटघोड़ा विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार लखन देवांगन ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 61646 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार बोधराम कंवर को 48516 वोट मिल पाए थे, और वह 13130 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में कटघोड़ा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार बोधराम कंवर को कुल 38929 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी ज्योतिनंद दुबे दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 31963 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 6966 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

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ध्यान रहे कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में 68 सीटें जीतकर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री पद पर बैठे थे. इन्हीं नतीजों के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रमन सिंह की 15 साल तक चली सरकार का कार्यकाल खत्म हो गया था, क्योंकि इस चुनाव में BJP महज़ 15 सीटें अपनी झोली में डाल पाई थी. 2018 में छत्तीसगढ़ में सत्ता कैसे बदली, इसे समझने के लिए वर्ष 2013 के चुनाव नतीजों पर भी नज़र डालनी होगी. उस समय BJP को 49 सीटें मिलीं थीं और कांग्रेस को 41, लेकिन दोनों के बीच वोट शेयर का अंतर 1 फीसदी से भी कम रहा था. अब भूपेश बघेल सरकार के पास राज्य में पहली बार बनी कांग्रेस सरकार को रिपीट करने की चुनौती है, जबकि BJP एन्टी-इन्कम्बेन्सी के सहारे फिर सत्ता पाने की जुगत में लगी है.