जम्मू-कश्मीर (Jammu And Kashmir) के हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. हालात के हिसाब से यहां पाबंदियों में भी ढील दी जा रही है. जम्मू-कश्मीर में 12 दिनों के बाद पहली बार शनिवार को लैंडलाइन सेवाएं चालू हुई हैं. घाटी में 50% लैंडलाइन फोन काम करने लगे हैं. 96 में से 17 टेलीफोन एक्सचेंज काम करने लगए. इस महीने की शुरुआत में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले के बाद सरकार यहां किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए तमाम तरह के ऐहतियात बरत रही है. बीते 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर पर लिए गए फैसलों के बाद यहां के प्रमुख राजनेताओं को हिरासत में लेने के साथ-साथ तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए गए थे. सूत्रों के मुताबिक, जम्मू कश्मीर प्रशासन की योजना हिंसक विरोध प्रदर्शन को रोकना है. इस रणनीति के तहत राज्य में चार समूहों को नियंत्रित करने की रणनीति शामिल है.
यह भी पढ़ें: घाटी में 50 हजार लैंडलाइन सेवाएं बहाल, 2जी मोबाइल नेटवर्क भी शुरू, पढ़ें 10 बड़ी बातें...
चार सूत्रीय प्लान के तहत यह लोगों का पहला समूह है, जिसे सरकारी अधिकारियों द्वारा प्रभावशाली माना जाता है. यह कोई नुकसान पहुंचाता नहीं दिखाई पड़ता और यह प्रबुद्ध लोगों के साथ चलता है. यह सूचना जमा करता है, लेकिन हिंसा को भड़काता हुआ दिखाई प्रतीत होता है. यह जम्मू-कश्मीर के हुर्रियत या मुख्यधारा के राजनेताओं का संदर्भ हो सकता है. सूत्रों ने बताया कि उन्हें हिरासत में लिया जाएगा साथ ही समय और जरूरत के हिसाब से रिहा भी किया जाएगा. साथ ही हाउस अरेस्ट की नीति भी जारी रहेगी.
यह भी पढ़ें: कश्मीर घाटी के 35 पुलिस थाना इलाकों में पाबंदियों में ढील, किश्तवाड़ में दिन भर के लिए हटाई गई धारा-144
चार सूत्रीय प्लान के तहत दूसरा समूह पत्थरबाजों और हिंसक प्रदर्शनकारियों का है, जिसमें ज्यादातर युवा शामिल हैं. सरकार इसपर काबू पाने के लिए 'कम्यूनिटी बॉन्ड' रणनीति पर काम करेगी. इसके तहत 20 परिवार और उनके रिश्तेदारों से एक बॉन्ड पर हस्ताक्षर करवाया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि फिर वह ऐसा कम नहीं करेंगे.
यह भी पढ़ें: घाटी में 50 हजार लैंडलाइन सेवाएं बहाल, 2जी मोबाइल नेटवर्क भी शुरू, पढ़ें 10 बड़ी बातें...
तीसरा समूह आतंकियों का है, जिसपर लगाम लगाने की चुनौती हमेशा बनी रहती है. प्रशासन को लगता है कि सेना बॉर्डर और नियंत्रण रेखा पर ध्यान देगी, जहां से पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को भेजा जाता है. सरकार पंजाब और जम्मू में भी सीमा सुरक्षा की समीक्षा करने की योजना बना रही है.
यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से छोटे हथियारों और मोर्टार से फायरिंग, सेना ने भी दिया जवाब
लोगों का चौथा समूह प्रभावशाली धार्मिक नेताओं का है. सूत्रों का कहना है, सरकार उन मौलानाओं की पहचान और निगरानी करेगी जो हिंसा और अशांति फैला सकते हैं. अधिकारी ऐसे किसी भी व्यक्ति के साथ सख्ती से पेश आएंगे और उन्हें तुरंत गिरफ्तार करेंगे.
VIDEO: पटरी पर लौटता कश्मीर
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं