उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम को विदेश यात्रा के लिये बतौर शर्त शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में जमा कराए गए दस करोड़ रुपए निकालने की बुधवार को अनुमति दे दी. शीर्ष अदालत ने 14 फरवरी को कार्ति को ब्रिटेन और फ्रांस की यात्रा की अनुमति देते हुए उन्हें दस करोड़ रुपए रजिस्ट्री में जमा कराने का आदेश दिया था. प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्ति चिदंबरम के आवेदन पर विचार किया और उन्हें यह धनराशि निकालने की अनुमति प्रदान की. पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘हमने दोनों पक्षों की ओर से पेश वकीलों को सुना. धन निकालने का आवेदन स्वीकार करते हुए इसकी अनुमति दी जाती है.'
शीर्ष अदालत ने अपने पहले के आदेशों को ध्यान में रखते हुए 14 फरवरी को अपने आदेश में कार्ति चिदंबरम को 14 फरवरी से एक मार्च 2020 के दौरान ब्रिटेन और फ्रांस की यात्रा की अनुमति दी थी. कार्ति के खिलाफ कई आपराधिक मामलों में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच चल रही है. कार्ति के खिलाफ आईएनएक्स मीडिया मामले में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी से संबंधित एक मामले सहित कई आपराधिक मामलों में जांच चल रही है. आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रुपए का धन प्राप्त करने की विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी मिलने के समय कार्ति चिदंबरम के पिता पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे.
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