कर्नाटक की उडुपी पुलिस ने मालपे कोचीन शिपयार्ड से जुड़े कर्मचारियों द्वारा भारतीय नौसेना से संबंधित संवेदनशील जानकारी लीक करने के मामले में तीसरे आरोपी को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने बताया कि हाल में तीसरे आरोपी को गिरफ्तार किया गया जिसकी पहचान गुजरात के आणंद जिले के कैलाश नगरी निवासी भरत कुमार खदयाट के पुत्र हिरेंद्र कुमार (34) के रूप में हुई है. पुलिस के अनुसार, आरोपियों पर अवैध वित्तीय लाभ के बदले नौसेना संचालन और प्रतिष्ठानों से संबंधित गोपनीय जानकारी को पाकिस्तान स्थित अपने संचालकों को भेजने का संदेह है. इससे पहले, 21 नवंबर को पुलिस ने इसी मामले में उत्तर प्रदेश के मूल निवासी रोहित और संत्री को गिरफ्तार किया था. तीनों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.
करकला सब-डिवीजन के सीनियर पुलिस ऑफिसर हर्ष प्रियंवदा की अगुवाई वाली इन्वेस्टिगेशन टीम ने टेक्निकल सर्विलांस के जरिए कुमार का पता लगाया. पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, कुमार ने कथित तौर पर अपने नाम से एक SIM कार्ड खरीदा और पैसे के बदले मुख्य आरोपी को दे दिया.
पुलिस अधिकारी ने कहा, "गुजरात का आरोपी SIM कार्ड और OTP दे रहा था, जिनका इस्तेमाल पाकिस्तानी हैंडलर्स से बातचीत के लिए WhatsApp अकाउंट एक्टिवेट करने में किया जाता था." पुलिस का मानना है कि यह SIM कार्ड जासूसी गिरोह द्वारा WhatsApp जैसे एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म के जरिए बातचीत करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक जरूरी टूल था, जिससे स्टैंडर्ड सिक्योरिटी मॉनिटरिंग को बाइपास किया जा सके.
क्या है पूरा मामला
यह मामला इस साल नवंबर में सामने आया, जब मालपे में उडुपी कोचीन शिपयार्ड में सिक्योरिटी ब्रीच की रिपोर्ट मिली. शिपयार्ड ने सुषमा मरीन प्राइवेट लिमिटेड को सबकॉन्ट्रैक्टर के तौर पर हायर किया है. सबकॉन्ट्रैक्टर के दो कर्मचारी, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं - रोहित (29) और संतरी (37) - को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. इन पर आरोप है कि उन्होंने इंडियन नेवी के जहाजों के पहचान नंबरों की एक कॉन्फिडेंशियल लिस्ट हासिल की और उसे शेयर किया और जहाज की मरम्मत के शेड्यूल और सेंसिटिव इंफ्रास्ट्रक्चर डेटा की डिटेल्स भेजीं.
पुलिस के मुताबिक, उन्हें पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स से गैर-कानूनी तरीके से पैसे मिले. उन पर BNS और UAPA की अलग-अलग धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. हीरेंद्र कुमार की गिरफ्तारी से कई राज्यों में फैले लॉजिस्टिक सपोर्ट के एक बड़े नेटवर्क का पता चलता है. इस चेन में और लिंक्स की पहचान करने के लिए आगे की जांच जारी है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं