Covid19 Pandemic: कोरोना वायरस की महामारी (Coronavirus Pandemic) के बीच बेंगलुरू में संकटग्रस्त श्री गुरु राघवेंद्र बैंक (Sri Guru Raghavendra Bank) के सामने सैकड़ों जमाकर्ताओं (Depositors) की कतार लगी है, इसमें से ज्यादातर बुजुर्ग (Senior Citizens) हैं. दरअसल ये सभी लोग बैंक से गाढ़ी कमाई के अपने पैसे निकालने के लिए लाइन में लगे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में अपने पूर्व आदेश में संशोधन करके बैंक से निकासी की रकम की सीमा (Withdrawal Limit) एक लाख रुपये कर दी है. पूर्व में निकासी की यह सीमा 35 हजार रुपये थी. गौरतलब है कि यह सहकारी बैंक वित्तीय अनियमित ताओं के लिए जांच के दायरे में है और जनवरी माह की शुरुआत में इस पर छह माह या अगली समीक्षा तक कुछ प्रतिबंध (Restrictions) लगाए गए थे.
कर्नाटक के इस बैंक के जमाकर्ताओं में बड़ी संख्या में सीनियर सिटीजन हैं, जिन्होंने जीवन की बड़ी कमाई गई राशि बैंक में जमा कर रखी है.और ये अपने खर्चों के लिए इस रकम पर मिलने वाले मासिक ब्याज पर निर्भर हैं. एक स्कूल के रिटायर हो चुके हेडमास्टर एमएन राव ने एनडीटीवी से बातचीत में भावुक होते हुए कहा, 'धनराशि के मुद्दे निश्चित रूप से COVID-19 से भी बदतर हैं. अगर हम कोरोना वायरस संक्रमित होते हैं तो हम इसके असर के बावजूद जीवित रहेंगे, लेकिन इस वित्तीय अनिश्चितता के बारे में क्या करें?मुझे किसी से एक कप कॉफी खरीदने के लिए पूछना होगा, भले ही मेरे पास यहां लाख रुपये हों?' बैंक में धनराशि निकालने के लिए लाइन में खड़े ज्यादातर जमाकर्ताओं ने मॉस्क लगा रखा था लेकिन इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियम की अवहेलना होती नजर आई.
दक्षिण बेंगलुरु में बैंक मुख्यालय के बाहर एक बुजुर्ग महिला ने कहा, "मैं 80 साल की हूं. सरकार 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को घर पर रहने की सलाह दे रही है क्योंकि कोरोना वायरस के कारण उनको खतरा है लेकिन हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. मुझे पता है कि यह बाहर आने के लिए एक जोखिम है, लेकिन मुझे पैसे की जरूरत है.'' हालांकि जमाकर्ताओं के पास नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फ़ंड ट्रांसफर सिस्टम (NEFT) के जरिये दूसरे बैंक में पैसा ट्रांसफर करने का विकल्प उपलब्ध है लेकिन कई बुजुर्गो का दूसरे बैंक में अकाउंट नहीं है और वे धनराशि निकालना ही पसंद कर रहे हैं. ऐसे में लंबी कतार में लगना उनके लिए मजबूरी है." एक अन्य जमाकर्ता ने कहा-मैंने तीन घंटे तक इंतजार किया लेकिन कतार अभी भी काफी लंबी है.'' मीडिया हाउस से सेवानिवृत्त हुए पद्मजा राव ने कहा, "हम में से अधिकांश वरिष्ठ नागरिक हैं. उनके पास अधिक काउंटर होने चाहिए. यह स्थिति COVID -19 की वजह से खतरनाक है."
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