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This Article is From Apr 14, 2018

कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखें नहीं हुयी थी लीक : चुनाव आयोग

जांच दल ने कहा कि समाचार चैनलों ने सूत्रों के हवाले से अनुमानपरक खबर प्रसारित की थी. इसलिये इसे चुनाव की तारीखें ‘लीक’ करना नहीं कहा जा सकता.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखें नहीं हुयी थी लीक : चुनाव आयोग
(प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा से पहले ही चुनाव की तारीखों का सोशल मीडिया पर खुलासा होने के मामले में चुनाव आयोग के जांच दल ने चुनाव कार्यक्रम ‘लीक’ होने से इंकार करते हुये इसे महज खबरिया चैनलों पर प्रसारित हुयी अनुमानपरक खबरों का नतीजा बताया है. इस मामले में भाजपा के सोशल मीडिया प्रभारी अमित मालवीय, कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के सोशल मीडिया प्रभारी श्रीवत्स बी द्वारा चुनाव की तारीख पहले ही ट्वीट करने के मामले में चुनाव कार्यक्रम लीक करने के आरोप को नकारते हुये जांच समिति ने कहा कि इससे पहले भी मीडिया रिपोर्टों में चुनाव कार्यक्रम की अनुमानपरक खबरें प्रकाशित होती रही हैं, इसलिये इसे चुनाव कार्यक्रम लीक करना नहीं कहा जा सकता है.

उल्लेखनीय है कि गत 27 मार्च को मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत और दो अन्य चुनाव आयुक्तों द्वारा संवाददाता सम्मेलन में कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करने से पहले ही मालवीय और श्रीवत्स ने ट्वीट कर मतदान और मतगणना की तारीख का खुलासा कर दिया था.

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इस पर संज्ञान लेते हुये रावत ने चुनाव कार्य्रकम लीक होने की जांच के लिये आयोग के महानिदेशक धीरेन्द्र ओझा की अगुवाई में चार सदस्यीय जांच दल गठित कर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा था. आयोग द्वारा शुक्रवार को सार्वजनिक की गयी जांच दल की रिपोर्ट में चुनाव कार्यक्रम लीक होने के बारे में मालवीय और श्रीवत्स के अलावा दोनों समाचार चैनलों के जवाब के आधार पर कहा गया है कि ट्वीट पर साझा की गयी जानकारी प्रश्नगत दोनों समाचार चैनलों पर प्रसारित खबर पर आधारित थी.

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जांच दल ने कहा कि समाचार चैनलों ने सूत्रों के हवाले से अनुमानपरक खबर प्रसारित की थी. इसलिये इसे चुनाव की तारीखें ‘लीक’ करना नहीं कहा जा सकता. जांच दल ने चुनाव कार्यक्रम घोषित करने की प्रक्रिया के पुख्ता होने की भी विस्तार से जांच की. जांच रिपोर्ट के अनुसार आयोग में चुनाव कार्यक्रम घोषित करने की निर्धारित प्रक्रिया का सख्ती से पालन किया गया है. इसलिये चुनाव कार्य्रकम लीक होने की कोई संभावना नहीं है. हालांकि जांच दल ने समाचार चैनलों से आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम घोषित करते समय इस तरह की अनुमानपरक खबरें प्रसारित करने से बचते हुये अपेक्षाकृत अधिक उत्तरदायी रवैया अपनाने की जरूरत पर बल दिया. साथ ही राजनीतिक दलों से भी ऐसे अवसरों पर अनुमानपरक खबरों के आधार पर ट्वीट करने से बचने की अपेक्षा व्यक्त की. जांचदल ने कहा कि चुनाव कार्यक्रम घोषित करने की आयोग की मौजूदा प्रक्रिया हालांकि बेहद पुख्ता है लेकिन इसे और मजबूत बनाने के बारे में समिति जरूरत पड़ने पर इसे और अधिक गोपनीय बनाने के भविष्य में सुझाव देगी. 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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