प्रोफेसर कलबर्गी की हत्या के विरोध में हुए प्रदर्शन का फाइल फोटो।
बेंगलुरु:
कर्नाटक के जाने-माने लेखक प्रोफेसर कलबर्गी के हत्यारों को तलाशती सीआईडी की 8 टीमों के हाथ अब तक कुछ नहीं लगा है। ऐसे में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हत्यारों का सुराग देने वालों को पांच लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
कलबर्गी का परिवार मुख्यमंत्री से मिला
मंगलवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मिलने जब प्रोफेसर कलबर्गी का परिवार पहुंचा तो उनके साथ महाराष्ट्र की मुक्ता दाभोलकर और मेघा पानसरे भी थीं। मुक्ता दाभोलकर नरेंद्र दाभोलकर की बेटी हैं। नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को हत्या की गई थी। वे अपने विचारों और लेखों की वजह से हिन्दू चरमपंथियों के निशाने पर थे। इसी तरह 20 फरवरी 2015 को कोल्हापुर में मेघा पानसरे के ससुर गोविन्द पानसरे की हत्या गोली मारकर की गई थी। कलबर्गी और दाभोलकर की ही तरह वे भी हिन्दू चरमपंथियों के निशाने पर थे।
साधु-संत भी समर्थन देने के लिए जुटे
यह तीनों परिवार जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मिलने पहुंचे तो उनके समर्थन में कई साधु-संत भी आ खड़े हुए जो कि लंबे अरसे से अंधविश्वास निरोधक कानून को लागू करने का समर्थन कर रहे हैं। इस बैठक में मौजूद जाने माने अभिनेता गिरीश करनाड सरकार से नाराज़ दिखे। उनका कहना था कि प्रोफेसर कलबर्गी की हत्या के बाद जिन लोगों ने इसके समर्थन में सोशल मीडिया पर बयान दिए उनके साथ सरकार ने वह सख्ती नहीं दिखाई जिसकी जरूरत थी।
फिलहाल सीबीआई जांच से इनकार
प्रोफेसर कलबर्गी की हत्या की जांच डीजीपी सी आई डी किशोर चंद्र की देखरेख में चल रही है। अब तक सिर्फ 2 स्कैच जारी किए गए हैं, लेकिन हत्यारों का पता नहीं चल पाया है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने फिलहाल मामले की जांच सीबीआई से करवाने से इनकार किया है।
कलबर्गी का परिवार मुख्यमंत्री से मिला
मंगलवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मिलने जब प्रोफेसर कलबर्गी का परिवार पहुंचा तो उनके साथ महाराष्ट्र की मुक्ता दाभोलकर और मेघा पानसरे भी थीं। मुक्ता दाभोलकर नरेंद्र दाभोलकर की बेटी हैं। नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को हत्या की गई थी। वे अपने विचारों और लेखों की वजह से हिन्दू चरमपंथियों के निशाने पर थे। इसी तरह 20 फरवरी 2015 को कोल्हापुर में मेघा पानसरे के ससुर गोविन्द पानसरे की हत्या गोली मारकर की गई थी। कलबर्गी और दाभोलकर की ही तरह वे भी हिन्दू चरमपंथियों के निशाने पर थे।
साधु-संत भी समर्थन देने के लिए जुटे
यह तीनों परिवार जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मिलने पहुंचे तो उनके समर्थन में कई साधु-संत भी आ खड़े हुए जो कि लंबे अरसे से अंधविश्वास निरोधक कानून को लागू करने का समर्थन कर रहे हैं। इस बैठक में मौजूद जाने माने अभिनेता गिरीश करनाड सरकार से नाराज़ दिखे। उनका कहना था कि प्रोफेसर कलबर्गी की हत्या के बाद जिन लोगों ने इसके समर्थन में सोशल मीडिया पर बयान दिए उनके साथ सरकार ने वह सख्ती नहीं दिखाई जिसकी जरूरत थी।
फिलहाल सीबीआई जांच से इनकार
प्रोफेसर कलबर्गी की हत्या की जांच डीजीपी सी आई डी किशोर चंद्र की देखरेख में चल रही है। अब तक सिर्फ 2 स्कैच जारी किए गए हैं, लेकिन हत्यारों का पता नहीं चल पाया है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने फिलहाल मामले की जांच सीबीआई से करवाने से इनकार किया है।
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