Coronavirus Pandemic: ऐसे समय जब कोरोना वायरस के उपचार के लिए लोगों को अस्पतालों में बेड तलाशने में पहले ही काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है, कर्नाटक सरकार के नए आदेश ने विवादों को जन्म दिया है. बेंगलुरू में डीलक्स सरकारी गेस्ट हाउस कुमारा कृपा' में मंत्रियों, विधायकों, सांसदों और शीर्ष सरकारी अधिकारियों के लिए कोविड देखभाल केंद्र के रूप में 100 कमरे 'अलग' किए गए हैं. राज्य सरकार के आदेश के अनुसार मंत्रियों, संसद सदस्यों, विधान सभा व परिषद के सदस्यों और सचिव रैंक से ऊपर के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए कुमारा कृपा गेस्टहाउस के एक विंग में कमरे अलग रखे गए हैं. इस आदेश से सवाल उठने लगे हैं कि राज्य सरकार आम लोगों के बजाय वीआईपी के इलाज को ही तरजीह देती है.
आदेश में कहा गया है कि चुने हुए प्रतिनिधि और मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं और ऐसे में उनके लिए समर्पित (Dedicated) कोविड केयर सेंटर की जरूरत है. वीवीआईपी गेस्ट हाउस की उपलब्धता और कम भीड़ को सुनिश्चित करने के लिए बाकी इमारत में बुकिंग की संख्या को 33 प्रतिशत क्षमता तक सीमित करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही मैनेजमेंट को सभी गैरजरूरी आगंतुकों (Unnecessary visitors) से बचने के लिए भी कहा गया है.
कर्नाटक सरकार ने बुधवार को जानकारी दी थी कि शहर में श्रीश्री रविशंकर के आश्रम की एक मंजिल भी COVID-19 के टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए पुलिसकर्मियों (जिनको हल्का संक्रमण है) के लिए आरक्षित की गई है. कांग्रेस नेता रिजवान अरशद इस 'गड़बड़' के लिए पूरी तरह से सरकार को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा, "राज्य सरकार ने सब कुछ गड़बड़ कर दिया है. हम उस राज्य में पहुंच गए हैं जहां गेस्ट हाउस के एक हिस्से को VIP के लिए एक कोविड-19 उपचार केंद्र में परिवर्तित किया गया है. दूसरी ओर, सरकारी अस्पतालों में कोई कमरा या बेड उपलब्ध नहीं है ...वेंटिलेटर और ICU की भी कमी चल रही है."उधर, सत्तारूढ़ बीजेपी के सदस्य, उमेश जाधव ने निर्णय का बचाव करते हुए कहा: "क्वारंटाइन अब जरूरी है. जो भी उपलब्ध है, सरकार उसका उपयोग करने की कोशिश कर रही है और सभी को सहयोग करना चाहिए." गौरतलब है कि हाल ही में सात मंजिला कुमारा कृपा गेस्ट हाउस का नवीनीकरण किया गया था, इसमें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों और मंत्रियों जैसे "वीआईपी मेहमानों" के लिए विशेष रूप से तीन मंजिल आरक्षित हैं. कर्नाटक में अब तक कोरोना के 10 हजार से अधिक केस सामने आए हैं. 164 लोगों को यहां कोरोना संक्रमण से जान गंवानी पड़ी है.
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