कर्नाटक के धार्मिक मामलों के मंत्री ने छह जून को सरकारी मंदिरों में इंद्र देवता को प्रसन्न करने के लिए एक विशेष पूजा करवाने का आदेश दिया है ताकि यहां बारिश हो सके. अब बीजेपी सरकार की मंशा पर सवाल उठा रही है. बीजेपी का आरोप के साथ कि अंधविश्वास निरोधक कानून पास करने वाली सरकार अंधविश्वास का सहारा ले रही है.
मेंगलुरु के नजदीक कदरि के मंजूनाथ स्वामी मंदिर में बारिश के लिए विशेष पूजा होने जा रही है. कुछ ऐसी ही पूजा कर्नाटक के करीब सभी बड़े सरकारी मंदिरों में 6 जून होगी. राज्य के मुजरई मंत्री इसमें हिस्सा लेंगे. मुजरई मंत्री पीटी परमेश्वर नाईक ने कहा कि सभी बड़े मंदिरों में यह पूजा होगी. मैं और जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार इसमें हिस्सा लेंगे.
कर्नाटक में करीब 36 हजार मंदिर सरकार के अधीन हैं, लेकिन पूजा चुने हुए बड़े मंदिरों में ही होगी. इस पर 10000 रुपये तक की रकम खर्च की जा सकती है. कर्नाटक में एक जून से मानसून की शुरुआत होनी थी लेकिन बारिश अभी नहीं हुई है. मानसून की बारिश करीब 43 फीसदी कम होने की आशंका है. राज्य के कई तालुका सूखे की चपेट में आ गए हैं. जानवरों को चारा नहीं मिल रहा है. फसलें गर्मी की वजह से जलने लगी हैं. पानी का दूर तक नामो निशान नहीं है. पीने के पानी की कमी और बढ़ गई है. ऐसे में सरकार ने धर्म का सहारा लेने का फैसला किया है. हालांकि इस पर भी सवाल उठाए जाने लगे हैं.
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बीजेपी के प्रवक्ता एस प्रकाश ने कहा कि "इस समस्या का स्थाई समाधान ढूंढने की जगह सरकार ने सारी जिम्मेदारी भगवान पर डाल दी है.'' तर्कवादी नरसिम्हा मूर्ति ने कहा कि ''नुकसान किसानों का हो रहा है. पूजा की जगह यह रकम किसानों में बांट देनी चाहिए.''
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राज्य के कई इलाके सूखे की चपेट में हैं. ऐसे में राज्य सरकार ने इंद्र देवता की शरण में जाने का फैसला किया है ताकि लोगों को लगे कि सरकार की तरफ से कोई कमी नहीं रही.
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