"लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत होगा चयन": कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर सिद्धारमैया

सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच हाल के दिनों में दशकों पुरानी चली आ रही प्रतिद्वंद्विता में ठहराव देखने को मिला थी. राहुल गांधी की यात्रा के बाद ऐसा माना जा रहा था कि दोनों एक मंच पर आ गए हैं.

बेंगलुरु :

कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections 2023) में कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी और अनबन सामने आ गई है. पार्टी के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने लंबे समय से अपने प्रतिद्वंद्वी रहे और राज्‍य में पार्टी के प्रमुख डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) के खिलाफ अपनी टिप्‍पणियों से यह संकेत दिया है.  सिद्धारमैया ने शिवकुमार और खुद को राज्‍य के शीर्ष पद का दावेदार स्‍वीकार करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस बहुमत हासिल कर लेती है, तो अगला मुख्यमंत्री चुनने के लिए हाईकमान दखल नहीं देगा, क्योंकि चुने हपए विधायकों को चुनाव करना है.

सिद्धारमैया ने NDTV के साथ एक एक्‍सक्‍लूसिव इंटरव्‍यू में कहा, "ऐसा हरगिज़ नहीं होगा... क्योंकि हमें लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चलना है... हाईकमान अपने आप फैसला नहीं करेगा... हम नवनिर्वाचित विधायकों के फैसले पर चलेंगे..."

यह पूछे जाने पर कि शीर्ष पद पर किसी युवा व्यक्ति को मौका क्यों नहीं दिया जाता है, 75 साल के हो चुके पूर्व मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि यह आखिरी चुनाव होगा, जो वह लड़ेंगे. 

सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच दशकों पुरानी प्रतिद्वंद्विता में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ठहराव आ गया था. हालांकि फरवरी में दोनों नेताओं ने राज्य के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में अलग-अलग बस यात्राएं की थीं. 2019 में कांग्रेस छोड़ने वाले विधायक आनंद सिंह ने शिवकुमार से मुलाकात की थी. दलबदलुओं को लेकर दोनों नेताओं के बीच फिर दरार देखने को मिली थी. सिद्धारमैया दलबदलुओं को पार्टी में वापस नहीं आने देने पर अड़े रहे.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि दोनों नेताओं को एक संयुक्त मोर्चे की आवश्यकता ने प्रभावित किया है, लेकिन जब वे ज्यादातर मुद्दों पर आम सहमति पर पहुंच गए हैं तो ऐसा लगता है कि शीर्ष पद के लिए उम्मीदवारों के बीच विभाजन बहुत गहरा है. 

यह राज्य में उम्मीदवार के चयन को भी प्रभावित कर रहा है क्योंकि प्रत्येक पक्ष की संख्या मुख्यमंत्री पद पाने वाले को प्रभावित करेगी. 

सिर्फ एक प्रमुख मुद्दा है जिस पर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों सहमत हैं. दोनों ने ही त्रिशंकु विधानसभा की संभावना और एचडी कुमारस्वामी की जनता दल सेक्युलर के साथ नए गठबंधन को खारिज करते हुए कांग्रेस की जीत की भविष्‍यवाणी की है. 

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