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कर्नाटक विधानसभा चुनाव में BJP, कांग्रेस के लिए बहुत कुछ लगा है दांव पर : 10 खास बातें

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023: मतगणना, यानी चुनाव परिणाम शनिवार को घोषित किए जाएंगे.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हो रहे त्रिकोणीय मुकाबले के दौरान एक ही चरण में सभी 224 सीटों पर मतदान जारी है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) को लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल होने की उम्मीद है, जबकि कांग्रेस हर बार सत्ता बदलने की रवायत पर उम्मीद टिकाए बैठी है. यह भी माना जा रहा है कि सूबे की 61 से भी ज़्यादा सीटों पर मज़बूत स्थिति में रहने वाली जनता दल सेक्युलर (JDS) इन दोनों राष्ट्रीय दलों का खेल बिगाड़ सकती है.

  1. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने शिवमोग्गा विधानसभा क्षेत्र में सुबह-सुबह मतदान कर दिया था. इस मौके पर BJP के दिग्गज नेता बी.एस. येदियुरप्पा ने कहा कि उन्हें 75-80 फीसदी मतदाताओं द्वारा BJP का साथ दिए जाने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, "हमें स्पष्ट बहुमत हासिल होगा और हम ही सरकार बनाएंगे... हम 130-135 सीटों पर जीत हासिल करेंगे..."
  2. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि वह पार्टी द्वारा चलाए गए प्रचार अभियान और उसके प्रति जनता की प्रतिक्रिया से 'बेहद प्रसन्न' हैं. उन्होंने कहा, "मैं लोगों से बाहर निकलकर कर्नाटक के विकास के लिए मतदान करने की अपील करता हूं..."
  3. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोगों से बड़ी तादाद में मतदान करने का आग्रह किया, ताकि प्रगतिशील और '40 फीसदी कमीशन मुक्त' राज्य स्थापित हो सके. हिन्दी में किए गए ट्वीट में राहुल गांधी ने लिखा, "कर्नाटक का वोट... 5 गारंटी के लिए, महिलाओं के अधिकार के लिए, युवाओं के रोज़गार के लिए, गरीबों के उत्थान के लिए... आएं, ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में मतदान करें, '40% कमीशन' मुक्त, प्रगतिशील कर्नाटक का साथ में निर्माण करें..."
  4. BJP और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों का चुनाव प्रचार अभियान काफी हाई-प्रोफाइल रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह रोडशो और 19 जनसभाएं कीं, जबकि राहुल गांधी 12 दिन तक कर्नाटक में ही कैम्प किए रहे.
  5. चुनाव की तैयारियों के दौरान भ्रष्टाचार के अनेक आरोपों का सामना कर रही सत्तारूढ़ BJP ने चहुंओर प्रयास किए, जिसमें मुस्लिमों को दिए गए 4 प्रतिशत आरक्षण में बदलाव करना भी शामिल है, जिससे पार्टी को लिंगायत, वोक्कलिगा, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के वोट पा लेने की उम्मीद थी.
  6. राज्य सरकार ने मार्च में दशकों से मुस्लिमों को दिए जा रहे 4 फीसदी आरक्षण को खत्म कर दिया था, जो 'अन्य पिछड़ा वर्ग' के अंतर्गत 2बी श्रेणी के तहत दिया जा रहा था, और प्रवेश तथा नौकरियों में उस आरक्षण के लाभों को वोक्कलिगाओं और लिंगायतों को दे दिया गया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल अगले आदेश तक इस पर रोक लगा दी है, और निर्दश दिया है कि मुस्लिम आरक्षण फिलहाल जारी रहेगा. मामले में अगली सुनवाई अब जुलाई में होगी.
  7. पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर सहित BJP के कई वरिष्ठ लिंगायत नेताओं ने चुनावी टिकट नहीं दिए जाने पर कांग्रेस का दामन थाम लिया. इसके चलते लिंगायत वोटों के बंटवारे की संभावना पैदा हो गई है, जो राज्य की 90 से 100 सीटों पर फैसले को प्रभावित कर सकते हैं.
  8. JDS प्रमुख एच.डी. कुमारस्वामी के साथ गठबंधन में चलाई जा रही राज्य सरकार के गिर जाने के बाद से विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस का कहना है कि उन्हें दूसरी बार गठबंधन करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.
  9. एक दूसरे की मुखालफत के लिए मशहूर कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने समूचे अभियान के दौरान एकजुट रहकर दिखाया, लेकिन टिकट बंटवारे के दौरान दोनों के बीच कड़वाहट और दरार की झलक मिली थी.
  10. एच.डी. कुमारस्वामी की JDS के लिए यह चुनाव बेहद अहम है, क्योंकि पार्टी के संरक्षक रहे एच.डी. देवेगौड़ा उम्र के 10वें दशक में प्रवेश कर चुके हैं, और चुनावी राजनीति से संन्यास की योजना बना रहे हैं. हासन और मांड्या के बाहर अपने गढ़ को विस्तार देने की उम्मीद कर रही पार्टी अब ओल्ड मैसूर क्षेत्र के अपने परम्परागत गढ़ को बचाए रखने की कोशिशों में जुटी हुई है.

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