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This Article is From Mar 29, 2023

जनार्दन रेड्डी ने कभी कर्नाटक में बीजेपी का किया था स्वागत, अब बगावती अंदाज दिखाने को तैयार

Karnataka Election 2023: जनार्दन रेड्डी की पार्टी कल्‍याण कर्नाटक में 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. रेड्डी स्‍वयं कोप्‍पल गंगावती सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे. ऐसे में इस क्षेत्र में कांग्रेस को फायदा हो सकता है.

जनार्दन रेड्डी ने कभी कर्नाटक में बीजेपी का किया था स्वागत, अब बगावती अंदाज दिखाने को तैयार
जी जनार्दन रेड्डी की पार्टी बेल्लारी विधानसभा सीट से अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतार रहे हैं.
नई दिल्ली:

कर्नाटक में खनन माफिया जनार्दन रेड्डी ने कभी बीजेपी के लिए दक्षिण का द्वार खोला था. लेकिन अब बीजेपी के रास्ता रोकने के लिए खड़े हैं. उन्होंने बीजेपी के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. रेड्डी ने हाल ही में कल्याण राज्य प्रगति पक्ष (KRPP) पार्टी बनाई है, जिसका चुनाव चिह्न फुटबॉल है. जनार्दन रेड्डी की पार्टी कल्‍याण कर्नाटक में 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. रेड्डी स्‍वयं कोप्‍पल गंगावती सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे. ऐसे में इस क्षेत्र में कांग्रेस को फायदा हो सकता है. राज्य में चुनाव एक ही चरण में 10 मई को होंगे. नतीजों का ऐलान 13 मई को होगा. 

कर्नाटक की राजनीति में जनार्दन रेड्डी और उनके भाइयों को 'रेड्डी ब्रदर्स' के नाम से जाना जाता है. रेड्डी ब्रदर्स तीन भाई हैं. सबसे बड़े गली करुणाकर रेड्डी, उसके बाद गली जनार्दन रेड्डी और सबसे छोटे गली सोमशेखर रेड्डी. जनार्दन रेड्डी के बड़े भाई करुणाकर रेड्डी हरपनहल्ली सीट से बीजेपी के विधायक हैं. छोटे भाई सोमशेखर रेड्डी बेल्लारी ग्रामीण सीट से विधायक हैं. इसके अलावा उनके दोस्त बीजेपी नेता श्रीरामुलु कर्नाटक सरकार में मंत्री हैं. आंध्र प्रदेश से सटे हुए कर्नाटक इलाके में 'रेड्डी ब्रदर्स' की सियासी तूती बोलती है.  

पिता पुलिस कॉन्स्टेबल थे
रेड्डी ब्रदर्स के पिता आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में पुलिस कॉन्स्टेबल थे. उनका तबादला बेल्लारी हो गया था. उस समय आंध्र प्रदेश और कर्नाटक मद्रास प्रेसिडेंसी का हिस्सा हुआ करता था. साल 1956 में कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के बनने के बाद रेड्डी ब्रदर्स के पिता कर्नाटक के बेल्लारी में बस गए. करुणाकर, जनार्दन, सोमशेखर रेड्डी, इस तरह रेड्डी भाइयों का जन्म बेल्लारी में हुआ. 

येदियुरप्पा सरकार में अहम भूमिका
जनार्दन रेड्डी ने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद कोलकाता की एक बीमा कंपनी के साथ काम करना शुरू किया. उन्होंने इतना पैसा कमाया कि उन्होंने चिटफंड कंपनी शुरू किया. रेड्डी बंधुओं ने आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के साथ दोस्ती करके खनन के लाइसेंस ले लिए. खनन का कारोबार चलने लगा. रेड्डी ब्रदर्स की किस्मत के सितारे यहीं से बुलंद हो गई और फिर दौलत कमाने की चाह उनकी बढ़ती ही गई तो राजनीतिक ख्वाहिश भी जागी. बीजेपी ने बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में 2008 में कर्नाटक में सरकार बनाई तो उसमें अहम भूमिका रेड्डी ब्रदर्स की रही थी.  

कोप्पल की गंगावती सीट से जनार्दन रेड्डी
कर्नाटक के बेल्लारी जिले के बाहर कर्नाटक की चुनावी राजनीति में फिर से कदम रखते हुए जी जनार्दन रेड्डी ने यह भी घोषणा की कि वह कोप्पल जिले में गंगावती से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.

बेल्लारी से पत्नी को चुनावी मैदान में उतारेंगे
जी जनार्दन रेड्डी की पार्टी बेल्लारी विधानसभा सीट से अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतार रहे हैं. वहीं, भाई ने उनके खिलाफ बिगुल फूंका है. बेल्लारी सीट से जी जनार्दन रेड्डी के बड़े भाई जी सोमशेखर रेड्डी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मौजूदा विधायक हैं. दोनों भाइयों के बीच और रेड्डी परिवार में दरार पड़ने के संकेत मिल रहे हैं.

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