कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के बीच कर्नाटक (Karnataka) में दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में 8 लाख 40 हजार से अधिक परीक्षार्थी बैठे, जिसमें सामाजिक मेल-जोल की दूरी का पालन किया गया है और एक बेंच पर एक छात्र के बैठने की व्यवस्था की गयी. विपक्ष की अपील की अनदेखी करते हुये सरकार ने परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है. विपक्ष ने यह मांग की थी कि कोरोनावायरस महामारी के पूरी तरह नियंत्रित होने तक परीक्षा का आयोजन नहीं कराया जाये.
पूर्व मुख्यमंत्री और जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी ने सरकार को परीक्षा आयोजित करने से चेताते हुये कहा था कि कोरोनावायरस संक्रमण का प्रसार सामुदायिक स्तर तक हो रहा है. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बृहस्पतिवार को कहा कि परीक्षा एवं लॉकडाउन में कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि परीक्षाएं अपने कार्यक्रम के अनुरूप आयोजित की जायेंगी.
इससे पहले, कर्नाटक माध्यमिक शिक्षा परीक्षा बोर्ड ने बताया कि कोविड—19 के डर के बीच राज्य सरकार ने दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा आयोजित कराने का निर्णय किया है. बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि इन परीक्षाओं के लिये 2879 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं, जिनमें 8 लाख 48 हजार 203 छात्र बैठेंगे. अधिकारी ने बताया कि परीक्षा केंद्रों पर आने वाले सभी परीक्षार्थियों की स्क्रीनिंग की गयी और केंद्र के अंदर जाने की अनुमति दिये जाने से पहले उनके हाथों को सेनिटाइज किया गया.
सरकार के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि एक बेंच पर एक परीक्षार्थी को बैठाया जाये. इसमें कहा गया है कि एक कक्षा में 18—20 से अधिक छात्र नहीं होने चाहिये. येदियुरप्पा ने छात्रों को परीक्षाओं के लिये शुभकामनायें दी हैं.
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