बॉलीवुड अभिनेत्री और लोकसभा सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने शुक्रवार को कहा कि उनकी फिल्म इमरजेंसी (Emergency) सेंसर बोर्ड (Censor Board) के पास अटकी है. यह उन खबरों के विपरीत है, जिसमें कहा गया था कि फिल्म को रिलीज की अनुमति दे दी गई है. फिल्म में कंगना पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभा रही हैं. अभिनेत्री ने दावा किया कि उन्हें और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (Central Board of Film Certification) के सदस्यों को धमकियां मिल रही हैं.
रनौत ने एक्स पर अपने एक वीडियो संदेश में कहा, "ऐसी अफवाहें हैं कि हमारी फिल्म 'इमरजेंसी' को सेंसर सर्टिफिकेट मिल गया है. यह सच नहीं है. वास्तव में हमारी फिल्म को पहले ही मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन कई धमकियों के कारण इसका सर्टिफिकेशन रोक दिया गया है."
सेंसर बोर्ड के लोगों को भी मिल रही धमकियां : कंगना रनौत
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, "सेंसर बोर्ड के लोगों को भी खूब धमकियां मिल रही हैं. हम पर श्रीमती गांधी की हत्या, जरनैल सिंह भिंडरावाले और पंजाब के दंगों को न दिखाने का दबाव है. मुझे नहीं पता कि हम तब क्या दिखाएंगे, क्या फिल्म में ब्लैकआउट है? यह मेरे लिए अविश्वसनीय समय है और मुझे इस देश की इस स्थिति के लिए बहुत खेद है." यह फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होने वाली थी.
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— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) August 30, 2024
इससे पहले शिरोमणि अकाली दल ने आज सीबीएफसी को एक कानूनी नोटिस भेजा है, जिसमें कंगना रनौत की फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग की गई है. साथ ही दावा किया गया है कि यह "सांप्रदायिक तनाव को भड़का सकती है" और "गलत सूचना फैला सकती है".
सिख समुदाय को निशाना बनाने का लगाया आरोप
27 अगस्त को भेजे गए नोटिस में दावा किया गया है कि "इस तरह का चित्रण न केवल भ्रामक हैं, बल्कि पंजाब और पूरे देश के सामाजिक ताने-बाने के लिए बेहद आक्रामक और हानिकारक भी है. यह साफ है कि रनौत ने कांग्रेस के खिलाफ वास्तविक राजनीतिक या ऐतिहासिक बयान देने के लिए इमरजेंसी का विषय नहीं चुना है, बल्कि सिख समुदाय को निशाना बनाने के लिए चुना है.''
इसमें दावा किया गया कि फिल्म सिख समुदाय को "अन्यायपूर्ण और नकारात्मक तरीके से" चित्रित करती है.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की प्रतिबंध लगाने की मांग
सोशल मीडिया पर मंगलवार को उनकी अगली फिल्म 'इमरजेंसी' की रिलीज को लेकर धमकी दे रहे लोगों के एक समूह का वीडियो सामने आने के बाद अभिनेत्री मदद के लिए पुलिस के पास पहुंची.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति सहित कई संगठनों ने फिल्म की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. साथ ही दावा किया कि यह "सिख विरोधी" नेरेटिव फैलाती है और सिखों को "अलगाववादी" के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत करती है.
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