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This Article is From Jan 10, 2020

शिक्षा सचिव से मिला JNUSU, छात्रों को हॉस्टल के सर्विस और यूटिलिटी चार्ज नही देने होंगे

जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने दिल्ली पुलिस के फोटोग्राफ पर कहा कि, मेरे पास भी मेरे प्रूफ हैं, मैंने कुछ भी गलत नहीं किया

शिक्षा सचिव से मिला JNUSU, छात्रों को हॉस्टल के सर्विस और यूटिलिटी चार्ज नही देने होंगे
जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को शिक्षा सचिव से मुलाकात की.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा- वाइस चांसलर कैपेबिल नहीं हैं
मंत्रालय का सर्कुलर आने के बाद हमारा प्लान ऑफ एक्शन तय होगा
अगर फीस बढ़ोतरी वापस हो जाती है तो विरोध प्रदर्शन खत्म कर देंगे
नई दिल्ली:

जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) के प्रतिनिधि शुक्रवार को शिक्षा सचिव से मिलने पहुंचे. शिक्षा सचिव के साथ जेएनयू छात्र संघ की बैठक हुई. इसके बाद उन्होंने विभाग के ज्वाइंट सेक्रेटरी से भी मुलाकात की. शिक्षा सचिव के साथ बैठक में जेएनयू छात्रों की सुनवाई हुई. तय हुआ है कि जेएनयू के छात्रों को हॉस्टल के सर्विस और यूटिलिटी चार्जेस नही देंने होंगे. एचआरडी ने यूजीसी को ये चार्जेस खुद देने के लिए कहा है. जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष (Aishee Ghosh) ने दिल्ली पुलिस के फोटोग्राफ पर कहा कि ''मेरे पास भी मेरे प्रूफ हैं. मैंने कुछ भी गलत नहीं किया, मेरा न्याय पर पूरा भरोसा है.''

शिक्षा सचिव के साथ बैठक के बाद जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ (JNUSU) की अध्यक्ष आइशी घोष (Aishee Ghosh) ने कहा कि ''पांच तारीख की घटना डरावनी थी. वाइस चांसलर कैपेबिल नहीं हैं. चार साल में वाइस चांसलर की वजह से झेला है. उन्होंने कहा कि वीसी हटें, मानव संसाधन विकास  मंत्रालय (MHRD) से सर्कुलर आने वाला है. फिर हमारा प्लान ऑफ एक्शन तय होगा.''

आइशी ने कहा कि ''सर्कुलर में फीस बढ़ोतरी अगर वापस हो जाती है तो डेडलॉक खत्म हो जाएगा. अगर फीस बढ़ोतरी वापस हो जाती है तो विरोध प्रदर्शन खत्म कर देंगे. सर्कुलर से तय हो पाएगा कि हमें क्या करना है.''

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दिल्ली पुलिस के फोटोग्राफ पर जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि ''मेरे पास भी मेरे प्रूफ हैं.'' आइशी ने कहा कि ''मैंने कुछ भी गलत नहीं किया, मेरा न्याय पर पूरा भरोसा है. हम चारों ने कोई गलती नहीं की. हम एक इंच भी पीछे नही हटेंगे. पुलिस कार्रवाई कर ले, हम चारों ने कोई गलती नहीं की.''

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उधर दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने कहा कि जेएनयू हिंसा में गलत सूचना सर्कुलेट हो रही है. ब्रीफिंग का मकसद यही है कि सही तथ्य सामने रखें. मामले की जांच जारी है. वहीं, डीसीपी (क्राइम ब्रांच) ने कहा कि चार संगठन (AISF,AISA, SFI, DSF) जेएनयू में चल रहे विंटर सेशन के रजिस्ट्रेशन के खिलाफ थे, लेकिन काफी संख्या में छात्र रजिस्ट्रेशन करना चाह रहे थे, लेकिन ये संगठन, जो छात्र संघ का हिस्सा हैं, रजिस्ट्रेशन नहीं करने दे रहे थे. उनको डरा-धमका रहे थे. 3 जनवरी को इन संगठनों के लोगों ने सर्वर से छेड़छाड़ की. सर्वर को जबरन बंद कर दिया. कर्मियों से धक्का-मुक्की की. इसकी शिकायत जेएनयू प्रशासन ने की थी. बाद में सर्वर री-स्टोर हो गया.

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उन्होंने कहा कि चार जनवरी को फिर कुछ लोग अंदर घुसे और सर्वर को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया. इसके बाद सारा प्रोसेज रुक गया. इसके बाद अगले दिन रजिस्ट्रेशन करने वाले छात्र के साथ मारपीट की गई. फिर अगले दिन इन्हीं लोगों ने पेरियार हॉस्टल में जाकर मारपीट की, जिसमें छात्रसंघ के लोग भी थे. उसी समय कुछ व्हाट्सऐप ग्रुप भी बनाया गया. जांच अधिकारी ने कहा, सीसीटीवी फुटेज नहीं मिल पाए. लेकिन वायरल फोटो और वीडिय़ो से काफी मदद मिली है. यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट नाम के ग्रुप में 60 लोग हैं. कुछ लोगों को चिन्हित किया गया है. इन लोगों को नोटिस जारी किया जा रहा है. उनसे और जानकारी मांगी जाएगी. 4 दिन की फैक्ट फाइंडिंग के बाद कुछ नाम सामने आए हैं.

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