नजीब अहमद (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद के रूममेट काजिम का आज लाई डिटेक्टर टेस्ट करवा सकती है. काजिम ने पटियाला कोर्ट में इसके लिए हामी भर दी है. पुलिस कोशिश कर रही है कि इस केस से जुड़े कम से कम छह लोगों का लाई डिटेक्टर टेस्ट हो, जिसमें एबीवीपी से जुड़े वे छात्र भी शामिल हैं, जिनका नजीब से झगड़ा हुआ था.
इसके अलावा दिल्ली पुलिस इस मामले में फेसबुक से भी मदद मांग रही है. दरअसल, नजीब के लापता होने के कुछ दिन बाद तक उसके नाम से फेसबुक पर दो प्रोफाइल एक्टिव रहे थे. पिछले दो दिन से नजीब की तलाश में दिल्ली पुलिस ने जेएनयू कैंपस में तलाशी अभियान चला रखा था, लेकिन इसमें कोई सफलता नहीं मिली. नजीब पिछले 66 दिन से लापता है.
इससे पूर्व जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से 64 दिन पूर्व लापता छात्र नजीब अहमद को खोजने के लिए आज दिल्ली पुलिस अचानक सक्रिय हो गई. पुलिस ने आज पूरे यूनिवर्सिटी कैम्पस की तलाशी ली, लेकिन नजीब का कोई सुराग नहीं मिला.
सोमवार को जेएनयू कैम्पस पुलिस छावनी में तब्दील हो गया. 600 पुलिस कर्मियों,12 घोड़ों और 20 खोजी कुत्तों के साथ तलाशी अभियान शुरू हुआ. जेएनयू का छात्र नजीब अहमद 15 अक्टूबर से गायब है. उसकी तलाश के लिए करीब 1000 एकड़ में फैले जेएनयू कैम्पस का चप्पा-चप्पा जांचा गया. 17 होस्टलों और कैम्पस की सभी इमारतों में नजीब का सुराग ढूंढने की कोशिश की गई.
कई राज्यों में नजीब की तलाश कर चुकी पुलिस ने उस ऑटो वाले को भी खोज निकाला जो उसे जेएनयू से जामिया यूनिवर्सिटी ले गया था, लेकिन नजीब फिर भी नहीं मिला. विवाद से बचने के लिए जेएनयू कैम्पस की तलाशी लेने से बचती आ रही पुलिस ने यह कदम हाईकोर्ट के आदेश के बाद उठाया.
नजीब का सुराग देने वाले को पुलिस ने 10 लाख रुपये देने की घोषणा की है. इस मामले को लेकर हाईकोर्ट भी दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगा चुका है. जेएनयू के छात्र भी नजीब को लेकर लगातार मार्च निकाल रहे हैं.
इसके अलावा दिल्ली पुलिस इस मामले में फेसबुक से भी मदद मांग रही है. दरअसल, नजीब के लापता होने के कुछ दिन बाद तक उसके नाम से फेसबुक पर दो प्रोफाइल एक्टिव रहे थे. पिछले दो दिन से नजीब की तलाश में दिल्ली पुलिस ने जेएनयू कैंपस में तलाशी अभियान चला रखा था, लेकिन इसमें कोई सफलता नहीं मिली. नजीब पिछले 66 दिन से लापता है.
इससे पूर्व जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से 64 दिन पूर्व लापता छात्र नजीब अहमद को खोजने के लिए आज दिल्ली पुलिस अचानक सक्रिय हो गई. पुलिस ने आज पूरे यूनिवर्सिटी कैम्पस की तलाशी ली, लेकिन नजीब का कोई सुराग नहीं मिला.
सोमवार को जेएनयू कैम्पस पुलिस छावनी में तब्दील हो गया. 600 पुलिस कर्मियों,12 घोड़ों और 20 खोजी कुत्तों के साथ तलाशी अभियान शुरू हुआ. जेएनयू का छात्र नजीब अहमद 15 अक्टूबर से गायब है. उसकी तलाश के लिए करीब 1000 एकड़ में फैले जेएनयू कैम्पस का चप्पा-चप्पा जांचा गया. 17 होस्टलों और कैम्पस की सभी इमारतों में नजीब का सुराग ढूंढने की कोशिश की गई.
कई राज्यों में नजीब की तलाश कर चुकी पुलिस ने उस ऑटो वाले को भी खोज निकाला जो उसे जेएनयू से जामिया यूनिवर्सिटी ले गया था, लेकिन नजीब फिर भी नहीं मिला. विवाद से बचने के लिए जेएनयू कैम्पस की तलाशी लेने से बचती आ रही पुलिस ने यह कदम हाईकोर्ट के आदेश के बाद उठाया.
नजीब का सुराग देने वाले को पुलिस ने 10 लाख रुपये देने की घोषणा की है. इस मामले को लेकर हाईकोर्ट भी दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगा चुका है. जेएनयू के छात्र भी नजीब को लेकर लगातार मार्च निकाल रहे हैं.
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