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This Article is From Jun 18, 2015

जितेंद्र तोमर का 'माइग्रेशन' सर्टिफिकेट भी फर्जी पाया गया : दिल्ली पुलिस

जितेंद्र तोमर का 'माइग्रेशन' सर्टिफिकेट भी फर्जी पाया गया : दिल्ली पुलिस
फाइल फोटो
नई दिल्ली: फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को बुधवार को झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ले जाया गया, जहां उनके माइग्रेशन सर्टिफिकेट की पुष्टि करने पर उसे फर्जी पाया गया। माइग्रेशन सर्टिफिकेट का इस्तेमाल तोमर ने तिलका मांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर से कानून की डिग्री हासिल करने में की थी।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की टीम ने विश्वविद्यालय अधिकारियों और तोमर की उपस्थिति में प्रमाण पत्र की जांच की और यह भी फर्जी पाया गया।

अधिकारी ने कहा कि तोमर को अब आगे की पूछताछ के लिए वापस दिल्ली लाया जाएगा और उनके भाई की उपस्थिति में उनसे पूछताछ की जाएगी, जिन्होंने कथित रूप से फर्जी डिग्री हासिल करने में उनकी मदद की।

अधिकारी ने कहा, तोमर गिरफ्तारी के बाद भी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। हम उनके भाई की उपस्थिति में उनसे पूछताछ करेंगे और उनके बयानों की पुष्टि करेंगे। फर्जी डिग्री हासिल करने में उनके भाई की भूमिका पाई गई।

त्रिनगर से विधायक 49-वर्षीय तोमर को दिल्ली बार काउंसिल की शिकायत के बाद 9 जून की सुबह गिरफ्तार किया गया था। काउंसिल ने शिकायत की थी कि उन्होंने बिहार के कॉलेज से फर्जी डिग्री ली है। तोमर के खिलाफ 8 जून को हौजखास थाने में ठगी, फर्जीवाड़े, फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग करने आदि के लिए मामला दर्ज किया गया था।

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