जितेंद्र तोमर की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस के हौज खास थाने की टीम बिहार में मुंगेर के विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान गई जहां उसने दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र तोमर की लॉ की डिग्री से जुड़े दस्तावेजों की पड़ताल की। तोमर ने इसी कॉलेज से 1994 से लेकर 1999 तक पढ़ाई का दावा किया है।
पुलिस ने कॉलेज प्रशासन से तोमर के लॉ की मार्कशीट और रजिस्ट्रेशन से जुड़े दस्तावेज हासिल किए और जांच के लिए कई दस्तावेज साथ लेकर भागलपुर के तिलका मांझी विश्वविद्यालय पहुंची। तिलका मांझी विश्वविद्यालय से ही तोमर ने प्रोविजिनल सर्टीफिकेट हासिल किया है। सूत्रों की मानें तो यूनिवर्सिटी ने पुलिस को बताया है कि वहां से तोमर को कोई प्रोविजिनल सर्टीफिकेट नहीं दिया गया है।
दरअसल हाई कोर्ट के आदेश पर दिल्ली की बार काउंसिल ने इस मामले की जांच की और कहा कि तोमर की स्नातक और लॉ की डिग्री फर्जी हैं। बार काउंसिल ने बताया था कि उन्हें उत्तर प्रदेश की डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से जानकारी मिली है कि तोमर ने वहां से स्नातक नहीं किया है।
वहीं भागलपुर के तिलका मांझी विश्वविद्यालय से मिली जानकारी का हवाला देते हुए बार काउंसिल ने कहा था कि तोमर जिस प्रोविजिनल सर्टीफिकेट की बात कर रहे हैं वो प्रोविजिनल सर्टीफिकेट नंबर 3687 संजय कुमार चौधरी के नाम है। संजय ने वहां से बीए किया था।
मंगलवार को जितेंद्र तोमर ने इस मामले पर स्टे की मांग को लेकर हाइ कोर्ट में अर्जी लगायी थी जिस पर बुधवार को हाइकोर्ट ने सुनवाई करते हुए बार काउंसिल से कहा कि वो गुरुवार तक जितेंद्र तोमर को वो सारे दस्तावेज मुहैया कराये जिसके आधार पर जांच की जा रही है और तोमर की डिग्री फर्जी होने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
पुलिस ने कॉलेज प्रशासन से तोमर के लॉ की मार्कशीट और रजिस्ट्रेशन से जुड़े दस्तावेज हासिल किए और जांच के लिए कई दस्तावेज साथ लेकर भागलपुर के तिलका मांझी विश्वविद्यालय पहुंची। तिलका मांझी विश्वविद्यालय से ही तोमर ने प्रोविजिनल सर्टीफिकेट हासिल किया है। सूत्रों की मानें तो यूनिवर्सिटी ने पुलिस को बताया है कि वहां से तोमर को कोई प्रोविजिनल सर्टीफिकेट नहीं दिया गया है।
दरअसल हाई कोर्ट के आदेश पर दिल्ली की बार काउंसिल ने इस मामले की जांच की और कहा कि तोमर की स्नातक और लॉ की डिग्री फर्जी हैं। बार काउंसिल ने बताया था कि उन्हें उत्तर प्रदेश की डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से जानकारी मिली है कि तोमर ने वहां से स्नातक नहीं किया है।
वहीं भागलपुर के तिलका मांझी विश्वविद्यालय से मिली जानकारी का हवाला देते हुए बार काउंसिल ने कहा था कि तोमर जिस प्रोविजिनल सर्टीफिकेट की बात कर रहे हैं वो प्रोविजिनल सर्टीफिकेट नंबर 3687 संजय कुमार चौधरी के नाम है। संजय ने वहां से बीए किया था।
मंगलवार को जितेंद्र तोमर ने इस मामले पर स्टे की मांग को लेकर हाइ कोर्ट में अर्जी लगायी थी जिस पर बुधवार को हाइकोर्ट ने सुनवाई करते हुए बार काउंसिल से कहा कि वो गुरुवार तक जितेंद्र तोमर को वो सारे दस्तावेज मुहैया कराये जिसके आधार पर जांच की जा रही है और तोमर की डिग्री फर्जी होने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
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