इन दिनों इंडिया बनाम भारत का मुद्दा चर्चाओं में है. अब इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने भी एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इंडिया को ‘भारत' कहने में कोई संवैधानिक आपत्ति नहीं है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि सरकार इतनी मूर्ख नहीं होगी कि ‘इंडिया' को पूरी तरह से ही त्याग दे. ऐसा इसलिए भी क्योंकि इंडिया की अपनी एक अलग ही ब्रांड वैल्यू है. कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि यह पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना थे जिन्होंने इंडिया नाम पर आपत्ति जताई थी क्योंकि इसका मतलब यह था कि हमारा देश ब्रिटिश राज का उत्तराधिकारी राष्ट्र था और पाकिस्तान एक अलग राष्ट्र था.
विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
बता दें कि जी20 से संबंधित रात्रिभोज के निमंत्रण पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘प्रेसीडेंट ऑफ भारत (भारत के राष्ट्रपति)' के तौर पर संबोधित किए जाने को लेकर मंगलवार को बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार देश के दोनों नामों ‘इंडिया' और ‘भारत' में से ‘इंडिया' को बदलना चाहती है.
"सरकार ऐसी गलती नहीं करेगी"
शशि थरूर ने सोशल साइट एक्स पर इसे लेकर एक पोस्ट भी किया. इसमें उन्होंने लिखा कि इंडिया को 'भारत' कहने में कोई संवैधानिक आपत्ति नहीं है, जो कि देश के दो आधिकारिक नामों में से एक है. मुझे उम्मीद है कि सरकार इतनी मूर्ख नहीं होगी कि उस 'इंडिया' नाम को पूरी तरह से ख़त्म कर दे, जिसकी सदियों से एक बड़ी ब्रांड वैल्यू बनी हुई है. थरूर ने कहा कि इतिहास को फिर से जीवंत करने वाले नाम, दुनिया भर में पहचाने जाने वाले नाम पर अपना दावा छोड़ने के बजाय हमें दोनों शब्दों का इस्तेमाल जारी रखना चाहिए.
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