
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) उन गैर-एनडीए दलों की सूची में शामिल हो गया है, जिन्होंने 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा की है. झामुमो ने उनकी आदिवासी पहचान का हवाला देते हुए समर्थन का ऐलान किया है. पार्टी के प्रमुख शिबू सोरेन ने कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में, झामुमो कांग्रेस के साथ साझेदारी में झारखंड में सरकार चलाती है, जहां 26 प्रतिशत आबादी आदिवासी है. द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की रहने वाली हैं, वो झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं.
द्रौपदी मुर्मू निर्वाचित होती हैं तो वो भारत की राष्ट्रपति बनने वाली आदिवासी समुदाय की पहली महिला होंगी. एनडीए के पास इस चुनाव को जीतने को लेकर पर्याप्त संख्याबल है. वहीं भाजपा ने पहले से ही रिजल्ट के दिन 21 जुलाई को जश्न मनाने की तैयारी कर ली है.
इधर संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा इस चुनाव में अब और कमजोर हो गए हैं. यशवंत सिन्हा केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं. वो कुछ साल पहले तक लंबे समय तक भाजपा में थे. भाजपा के द्रोपदी मुर्मू के नाम की घोषणा के बाद समीकरण बदल गए, खासकर उन राज्यों में जहां जनजातीय आबादी महत्वपूर्ण है.
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