झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने NDTV से बातचीत में कहा, 'हमारा राज्य कोरोनावायरस (Coronavirus) से पूरी मजबूती से लड़ रहा है. देश में सबसे कम केस हमारे राज्य में हैं. मौजूदा हालात मुश्किल हैं.' सोरेन ने झारखंड में टीके की बर्बादी के सवाल पर कहा कि उनके राज्य में वैक्सीन बर्बाद होने की बात गलत है. अभी तक सिर्फ 4.6 प्रतिशत बर्बादी हुई है. झारखंड को कुल 48 लाख टीके मिले हैं.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोरोना की वैक्सीन खरीदने के सवाल पर कहा कि बांग्लादेश समेत दूसरे देशों से वैक्सीन आयात करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की लॉकडाउन आखिरी ऑप्शन वाली बात न मानकर सही किया, क्योंकि लॉकडाउन के कारण ही चीजें अब नॉर्मल होने की ओर बढ़ रही हैं.
हेमंत सोरेन के कहा, 'हमारे पास वैक्सीन लगभग खत्म हो चुकी है, सिर्फ एक दिन का स्टॉक बचा है. आज ही हमारा स्टॉक खत्म हो सकता है. ये भी नहीं पता कि वैक्सीन की दूसरी खेप कब आएगी. राज्य सरकार खुद तो वैक्सीन बना नहीं सकती, दूसरे देशों से वैक्सीन आयात करने की बात चल रही है. केंद्र से तो हम लगातार मांग कर ही रहे हैं. मौजूदा हालात हमारे लिए बहुत मुश्किल हैं. वैक्सीन वेस्ट होने की खबरें गलत हैं.'
कफन मुफ्त देने वाली बात पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोधियों ने शब्दों का जाल बुना. दरअसल, कपड़ों की भी दुकानें बंद हैं. लोगों को कफन लेने में भी दिक्कत थी तो हमारी सरकार ने संज्ञान लेने की बात की थी.
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उन्होंने कहा कि पीएम ने लॉकडाउन नहीं लगाने या आखिरी हथियार को लेकर बात कही थी लेकिन हालात भयावह हो गए और इस घातक संक्रमण से पूरे देश में लोगों की जान गई. 90 फीसदी राज्यों ने लॉकडाउन लगाया. भले ही वो पूर्ण लॉकडाउन हो या पाबंदियां हों, तब जाकर हालात सुधरते दिखाई दे रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमारे विरोधी शब्दों का खेल खेलकर लोगों की भावनाओं से खेल रहे हैं. फिलहाल कपड़े-लत्ते की दुकानें भी बंद हैं. हमें पता चला कि कपड़े की दुकानें बंद होने से कफन खरीदने में दिक्कत हो रही है इसलिए हमने कहा कि कफन की दिक्कत न हो और सरकार संज्ञान ले.
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