जनता दल यूनाइटेड ने बीजेपी से कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम आपके साथ हैं लेकिन अनुच्छेद 370 जैसे विवादास्पद मुद्दे को आपको नहीं छेड़ना चाहिए था. लोकसभा में भी जनता दल यूनाइटेड ने जम्मू- कश्मीर पुनर्गठन बिल पर अपना विरोध जाहिर करने के बाद सदन का बहिष्कार किया. लोकसभा में अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य के पुनर्गठन संबंधी बिल पर बहस में जनता दल यूनाइटेड संसदीय दल के नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने कहा कि धारा 370 पर आपके कदम का हम समर्थन नहीं कर सकते, हम इसके भागीदार नहीं हो सकते, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ आपके हर कदम में हम साथ हैं.
ललन सिंह ने अपने संक्षिप्त भाषण में कारण बताए कि उनकी पार्टी वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के कदम का समर्थन क्यों नहीं करती. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन और नेशनल एजेंडा ऑफ गवर्नेंस बना था. उसमें इन विवादास्पद मुद्दों से छेड़छाड़ नहीं करने की सहमति बनी थी जिसके गवाह आज सदन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद हैं. इस पृष्ठभूमि में पार्टी अपने पुराने रुख पर अब भी कायम है. आतंकवाद के खिलाफ अगर केंद्र सरकार कोई कदम उठाती है तो उनकी पार्टी का इस पर पूरा समर्थन होगा.
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ललन सिंह ने कहा कि देश में एक ऐसा दौर था खासकर 2013-2014 के बीच जब आतंकवाद की घटनाएं नियमित रूप से होती थीं और सदन में भी इस पर चर्चा होती थी. संकल्प लिया जाता था कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए कदम उठाए जाएंगे. सिंह ने कहा कि यह भी एक कड़वा सच है कि आतंकवाद का केंद्र जम्मू-कश्मीर रहा है और उसमें खाद और पानी देने का काम पाकिस्तान करता है. लेकिन यह भी सच है कि 2014 के बाद जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनी है, आतंकवाद की घटनाओं में कमी आई है. बाद में ललन सिंह ने कहा कि हाल में केंद्र सरकार ने आतंकवाद से निपटने के लिए जो भी कदम उठाए वह चाहे एनआइए एक्ट में संशोधन का हो या कोई अन्य बिल, उनकी पार्टी ने उसका समर्थन किया. लेकिन 370 पर फिर उन्होंने दोहराया कि उनकी पार्टी अपने पुराने स्टैंड पर कायम है इसलिए वह फिलहाल समर्थन नहीं कर सकते.
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