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This Article is From May 27, 2011

आईआईटी के बारे में बयान से पलटे जयराम

गुवाहाटी: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के शिक्षकों के बारे में की गई अपनी टिप्पणी को लेकर हुए विवाद को शांत करते हुए कहा कि वह खुद इन संस्थानों से लम्बे समय से जुड़े रहे हैं और उन्होंने आईआईटी को एक महत्वपूर्ण परियोजना दिलाने में मदद की। पर्यावरण मंत्री ने पत्रकारों के साथ चर्चा में कहा, "मैं आईआईटी से वर्ष 1963 से जुड़ा हुआ हूं और कई लोग 48 वर्ष के इस जुड़ाव का दावा नहीं कर सकते हैं।" जयराम ने कहा कि पिछले वर्ष उन्होंने आईआईटी संस्थानों को गंगा सफाई का ठेका दिलाने में मदद की थी। उन्होंने कहा, "हमने आईआईटी संस्थानों को एक मंच पर लाया है और अब वे गंगा नदी के लिए एक व्यापक नदी बेसिन प्रबंधन परियोजना तैयार कर रहे हैं। इसका ठेका एक अमेरिकी कम्पनी को दिया जाना था लेकिन मैंने हस्तक्षेप किया और कहा कि इसे आईआईटी को दिया जाय।" गौरतलब है कि जयराम ने सोमवार को एक कार्यक्रम से इतर कहा था कि आईआईटी और आईआईएम में सार्थक शोध नहीं हो रहे हैं। उन्होंने इन संस्थानों पर गुणवत्ता युक्त शोध नहीं करने का आरोप लगाया था। जयराम ने कहा था कि देश के शीर्ष शिक्षण संस्थान आईआईटी अैर आईआईएम का नाम केवल उनके छात्रों की गुणवत्ता की बदौलत है न कि विश्वस्तरीय अध्यापन सुविधा के कारण है। जयरात की इस टिप्पणी पर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने गुरुवार को प्रतिक्रिया देते हुए आईआईटी और आईआईएम के शिक्षकों की सृजनात्मक क्षमता पर पूरा भरोसा जताया था।

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आईआईटी, बयान, जयराम
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