नई दिल्ली:
केंद्र सरकार के दो मंत्रियों के बीच फिर तलवारें खींच गई हैं। इस बार लड़ाई वित्तमंत्री पी चिदंबरम और पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन के बीच है। जयंती नटराजन ने प्रधानमंत्री को चिट्टी लिखकर चिदंबरम के नेशनल इंवेस्टमेंट बोर्ड (एनआईबी) बनाने के प्रस्ताव का विरोध किया है।
नटराजन ने लिखा है कि अगर नेशनल इनवेस्टमेंट बोर्ड बना, तो यह उनके मंत्रालय की ताकत को दबाने जैसा होगा। वित्तमंत्री के प्रस्ताव के मुताबिक एनआईबी को 1,000 करोड़ से अधिक निवेश वाले प्रोजेक्ट पास करने की ताकत दी जाएगी।
प्रस्तावित बोर्ड बड़े निवेश प्रस्तावों को मंजूरी देने वाले अंतिम निकाय के रूप में काम करेगा। इसके बाद किसी भी मंत्रालय को आपत्ति करने का अधिकार नहीं होगा। नटराजन ने अपने पत्र में कहा है कि चूंकि पर्यावरणीय मंजूरी जैसे फैसले उनका मंत्रालय करता है, तो एनआईबी की भूमिका क्यों होनी चाहिए।
नटराजन ने लिखा है कि अगर नेशनल इनवेस्टमेंट बोर्ड बना, तो यह उनके मंत्रालय की ताकत को दबाने जैसा होगा। वित्तमंत्री के प्रस्ताव के मुताबिक एनआईबी को 1,000 करोड़ से अधिक निवेश वाले प्रोजेक्ट पास करने की ताकत दी जाएगी।
प्रस्तावित बोर्ड बड़े निवेश प्रस्तावों को मंजूरी देने वाले अंतिम निकाय के रूप में काम करेगा। इसके बाद किसी भी मंत्रालय को आपत्ति करने का अधिकार नहीं होगा। नटराजन ने अपने पत्र में कहा है कि चूंकि पर्यावरणीय मंजूरी जैसे फैसले उनका मंत्रालय करता है, तो एनआईबी की भूमिका क्यों होनी चाहिए।
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