रोहतक में फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान हुए उत्पात का फाइल फोटो।
नई दिल्ली:
फरवरी में हुए जाट आरक्षण आंदोलन में जान-माल के भारी नुकसान का साक्षी रहा रोहतक शहर एक बार फिर सहमा हुआ है। जाट समुदाय के संगठनों ने 5 जून से फिर एक बार आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। हालांकि इस बार उपद्रवियों से निपटने के लिए शहर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है। सरकार की सख्ती से लोगों में भी असुरक्षा की भावना नहीं है।
फरवरी में मिले जख्म अब तक हरे
रोहतक शहर की करीब 4 महीने पुरानी कड़वी यादें अभी विस्मृत नहीं हुई हैं। उन तमाम लोगों के जख्म अभी हरे हैं जिन्हेंने पिछले जाट आंदोलन में अपना सब कुछ गवां दिया है। किसी की दुकान जली, किसी का घर, किसी का स्कूल तो किसी का होटल। इस शहर में बर्बादी की अनगिनत कहानियां हैं। लेकिन कहते हैं कि वक्त के साथ जख्म भर जाते हैं। जाट आन्दोलन में तबाह हुआ रोहतक शहर अब धीरे-धीरे अपनी पुरानी शक्ल में लौट रहा है। जली हुई दुकानें तोड़कर फिर से खड़ी की जा रही हैं। जले हुए स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे फिर से सुनहरे भविष्य के सपने देखने लगे हैं। लेकिन इसी बीच सभी को फिर एक बार चिंता सताने लगी है। जाट आन्दोलन की आहट एक बार फिर है। कारोबारी डरे हुए हैं कि कहीं फिर से जान माल का नुकसान न हो।
सरकार से सख्त कदम की उम्मीद
आरएन मॉल के मालिक सुरेश शर्मा के मुताबिक आगजनी में उनका 10 करोड़ का नुकसान हुआ। सरकार से नुकसान का 25 फीसदी मुआवजा मिला। उन्हें उम्मीद है कि अगर इस बार आंदोलन हुआ तो सरकार आंदोलनकारियों से सख्ती से निपटेगी। सुरेश अपने मॉल को एक बार फिर खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं।
सुरक्षा कर्मियों को प्रशिक्षण
रोहतक के एसपी और डीसी की तैयारी देखकर लगता है कि सरकार इस बार हिंसाक आंदोलनकारियों से सख्ती से निपटने को तैयार है। दोनों अधिकारी जब जिले के तमाम अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों की मीटिंग ले रहे थे तो बता रहे थे कि हिंसक लोगों की भीड़ से निपटने के लिए उन्हें कब कैसे हथियार का प्रयोग करना है। वे रबर बुलेट,प्लास्टिक बुलेट और आंसू गैस के गोलों के बारे में सभी को विस्तार से बता रहे थे।
कायर पुलिस कर्मियों पर होगी कार्रवाई
रोहतक के एसपी शशांक आनंद ने बताया कि दंगों से निपटने लिए लीथल और नॉन लीथल वेपन का प्रयोग होगा। पिछली बार हिंसा में शामिल कई लोगों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। नोटिस के बाद भी अगर वे हिंसा में शामिल पाए गए तो उनके खिलाफ क्रिमिनल कर्रवाई के अलावा उनकी सम्पति भी जब्त कर ली जाएगी। पहले की तरह पुलिसकर्मी कायरता न दिखाएं इसके लिए उन्हें प्रेरित किया जा रहा है। अगर फिर कोई लापरवाही करता हुआ पाया गया तो उस पर कड़ी कर्रवाई होगी। इसके साथ-साथ पुलिस अभी से शांति की अपील भी कर रही है।
शहर की सुरक्षा के लिए 2 कंपनी आरएएफ की और एक कंपनी बीएसफ की पहले ही पहुंच चुकी है। सुरक्षा कर्मियों की सायरन बजाती हुई गाड़ियों के काफिले अभी से दिख रहे हैं।
फरवरी में हुई थी तीन लोगों की मौत
फरवरी में हुई जाट हिंसा में यहां तीन लोगों की मौत ही गई थी। करीब 100 लोग घायल हुए थे। सैकड़ों दुकानें जलकर खाक हो गई थीं। कई मॉल, स्कूलों, अस्पतालों, होटलों, सिनेमाघरों, दूध डेरी और घरों को आग के हवाले कर दिया गया था। पूरे शहर में बड़े पैमाने पर लूट हुई थी। आरोप था कि जाट समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के लोगों को चुन-चुन कर निशाना बनाया।
इस बार जाटों के 5 जून से आंदोलन की चेतावनी को देखते हुए राज्य की खुफिया एजेंसियों और प्रशासन सहित सभी चौकन्ने हैं। उम्मीद की जा रही है कि अगर आंदोलन उग्र हुआ तो शहर के हालात नहीं बिगड़ेंगे।
फरवरी में मिले जख्म अब तक हरे
रोहतक शहर की करीब 4 महीने पुरानी कड़वी यादें अभी विस्मृत नहीं हुई हैं। उन तमाम लोगों के जख्म अभी हरे हैं जिन्हेंने पिछले जाट आंदोलन में अपना सब कुछ गवां दिया है। किसी की दुकान जली, किसी का घर, किसी का स्कूल तो किसी का होटल। इस शहर में बर्बादी की अनगिनत कहानियां हैं। लेकिन कहते हैं कि वक्त के साथ जख्म भर जाते हैं। जाट आन्दोलन में तबाह हुआ रोहतक शहर अब धीरे-धीरे अपनी पुरानी शक्ल में लौट रहा है। जली हुई दुकानें तोड़कर फिर से खड़ी की जा रही हैं। जले हुए स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे फिर से सुनहरे भविष्य के सपने देखने लगे हैं। लेकिन इसी बीच सभी को फिर एक बार चिंता सताने लगी है। जाट आन्दोलन की आहट एक बार फिर है। कारोबारी डरे हुए हैं कि कहीं फिर से जान माल का नुकसान न हो।
सरकार से सख्त कदम की उम्मीद
आरएन मॉल के मालिक सुरेश शर्मा के मुताबिक आगजनी में उनका 10 करोड़ का नुकसान हुआ। सरकार से नुकसान का 25 फीसदी मुआवजा मिला। उन्हें उम्मीद है कि अगर इस बार आंदोलन हुआ तो सरकार आंदोलनकारियों से सख्ती से निपटेगी। सुरेश अपने मॉल को एक बार फिर खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं।
सुरक्षा कर्मियों को प्रशिक्षण
रोहतक के एसपी और डीसी की तैयारी देखकर लगता है कि सरकार इस बार हिंसाक आंदोलनकारियों से सख्ती से निपटने को तैयार है। दोनों अधिकारी जब जिले के तमाम अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों की मीटिंग ले रहे थे तो बता रहे थे कि हिंसक लोगों की भीड़ से निपटने के लिए उन्हें कब कैसे हथियार का प्रयोग करना है। वे रबर बुलेट,प्लास्टिक बुलेट और आंसू गैस के गोलों के बारे में सभी को विस्तार से बता रहे थे।
कायर पुलिस कर्मियों पर होगी कार्रवाई
रोहतक के एसपी शशांक आनंद ने बताया कि दंगों से निपटने लिए लीथल और नॉन लीथल वेपन का प्रयोग होगा। पिछली बार हिंसा में शामिल कई लोगों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। नोटिस के बाद भी अगर वे हिंसा में शामिल पाए गए तो उनके खिलाफ क्रिमिनल कर्रवाई के अलावा उनकी सम्पति भी जब्त कर ली जाएगी। पहले की तरह पुलिसकर्मी कायरता न दिखाएं इसके लिए उन्हें प्रेरित किया जा रहा है। अगर फिर कोई लापरवाही करता हुआ पाया गया तो उस पर कड़ी कर्रवाई होगी। इसके साथ-साथ पुलिस अभी से शांति की अपील भी कर रही है।
शहर की सुरक्षा के लिए 2 कंपनी आरएएफ की और एक कंपनी बीएसफ की पहले ही पहुंच चुकी है। सुरक्षा कर्मियों की सायरन बजाती हुई गाड़ियों के काफिले अभी से दिख रहे हैं।
फरवरी में हुई थी तीन लोगों की मौत
फरवरी में हुई जाट हिंसा में यहां तीन लोगों की मौत ही गई थी। करीब 100 लोग घायल हुए थे। सैकड़ों दुकानें जलकर खाक हो गई थीं। कई मॉल, स्कूलों, अस्पतालों, होटलों, सिनेमाघरों, दूध डेरी और घरों को आग के हवाले कर दिया गया था। पूरे शहर में बड़े पैमाने पर लूट हुई थी। आरोप था कि जाट समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के लोगों को चुन-चुन कर निशाना बनाया।
इस बार जाटों के 5 जून से आंदोलन की चेतावनी को देखते हुए राज्य की खुफिया एजेंसियों और प्रशासन सहित सभी चौकन्ने हैं। उम्मीद की जा रही है कि अगर आंदोलन उग्र हुआ तो शहर के हालात नहीं बिगड़ेंगे।
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