
जेडीयू से निलंबित विधायक सरफराज आलम (फाइल फोटो)
पटना:
राजधानी एक्सप्रेस में सफर के दौरान नशे की हालत में एक महिला के बदसलूकी के मामले में जेडीयू विधायक सरफराज आलम को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। रेलवे ने दो दिन पहले सीसीटीवी फुटेज जारी किया था जिसमें वो अपने दो साथियों के साथ राजधानी एक्सप्रेस में चढ़ते हुए दिख रहे हैं। इससे पहले सरफराज आलम ने दावा किया था कि 17 जनवरी को उन्होंने राजधानी ट्रेन में सफर नहीं किया था। सीसीटीवी फुटेज ने उनके इस दावे को ग़लत साबित कर दिया था।
इससे पहले मुख्यमात्री नीतीश कुमार ने कहा था कि जेडीयू अपने विधायक सरफ़राज़ आलम के खिलाफ कर्रवाई करेगी। नीतीश कुमार ने शनिवार को राजधानी पटना में इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी और साफ़ किया कि राजधानी एक्सप्रेस में जो कुछ भी आलम का व्यवहार रहा, उसका बचाव नहीं किया जा सकता। विधायक सरफ़राज़ आलम पर आरोप है कि पिछले रविवार को डिब्रुगढ़ से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस में एक दम्पति के साथ न केवल दुर्व्यवहार किया बल्कि छेड़खानी भी की।
हालांकि शुरू में आलम ने राजधानी में यात्रा करने से ही इंकार किया था, लेकिन सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट हो गया कि आलम न केवल ट्रेन में सवार थे, बल्कि उनके मोबाइल की लोकेशन से भी इस बात की भी पुष्टि हुई कि वे कटिहार से पटना गए थे।
नीतीश कुमार ने माना कि आलम ने उनसे मिलने का समय मांगा था और जब वे नहीं आए तो उनका शक पुख्ता हो गया कि आलम कांड करने के बाद बचने की कोशिश कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने साफ़ किया कि कानून को हाथ में लेने की किसी को इजाजत नहीं मिल सकती और पुलिस कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।
निश्चित रूप से बिहार की कानून व्यवस्था पर हाल के दिनों में हो रही किरकिरी के बाद नीतीश कुमार को आभास हुआ है कि कानून व्यवस्था से जुड़े मुद्दे पर मौन रहने से उनकी छवि पर प्रतिकूल असर पर रहा है। लेकिन सवाल है कि विधायक के खिलाफ पार्टी कब और क्या कर्रवाई करती हैं। क्या पार्टी अपने दूसरे विधायक बीमा भारती और सांसद संतोष कुशवाहा के खिलाफ भी कोई कर्रवाई करेगी? जिन्होंने पुलिस थाने से अवधेश मंडल को भागने में मदद की थी।
इससे पहले मुख्यमात्री नीतीश कुमार ने कहा था कि जेडीयू अपने विधायक सरफ़राज़ आलम के खिलाफ कर्रवाई करेगी। नीतीश कुमार ने शनिवार को राजधानी पटना में इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी और साफ़ किया कि राजधानी एक्सप्रेस में जो कुछ भी आलम का व्यवहार रहा, उसका बचाव नहीं किया जा सकता। विधायक सरफ़राज़ आलम पर आरोप है कि पिछले रविवार को डिब्रुगढ़ से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस में एक दम्पति के साथ न केवल दुर्व्यवहार किया बल्कि छेड़खानी भी की।
हालांकि शुरू में आलम ने राजधानी में यात्रा करने से ही इंकार किया था, लेकिन सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट हो गया कि आलम न केवल ट्रेन में सवार थे, बल्कि उनके मोबाइल की लोकेशन से भी इस बात की भी पुष्टि हुई कि वे कटिहार से पटना गए थे।
नीतीश कुमार ने माना कि आलम ने उनसे मिलने का समय मांगा था और जब वे नहीं आए तो उनका शक पुख्ता हो गया कि आलम कांड करने के बाद बचने की कोशिश कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने साफ़ किया कि कानून को हाथ में लेने की किसी को इजाजत नहीं मिल सकती और पुलिस कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।
निश्चित रूप से बिहार की कानून व्यवस्था पर हाल के दिनों में हो रही किरकिरी के बाद नीतीश कुमार को आभास हुआ है कि कानून व्यवस्था से जुड़े मुद्दे पर मौन रहने से उनकी छवि पर प्रतिकूल असर पर रहा है। लेकिन सवाल है कि विधायक के खिलाफ पार्टी कब और क्या कर्रवाई करती हैं। क्या पार्टी अपने दूसरे विधायक बीमा भारती और सांसद संतोष कुशवाहा के खिलाफ भी कोई कर्रवाई करेगी? जिन्होंने पुलिस थाने से अवधेश मंडल को भागने में मदद की थी।
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