सुप्रीम कोर्ट ने अवैध खनन के आरोपी जनार्दन रेड्डी को मंगलवार को सशर्त जमानत दे दी। अदालत ने जनार्दन रेड्डी को 10 लाख रुपये का मुचलका भरने का आदेश दिया है, और यह हिदायत भी दी है कि वह बेल्लारी, कड़प्पा और अनंतपुर नहीं जाएंगे। कोर्ट ने उनका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया है तथा उन्हें हर सुनवाई पर कोर्ट में मौजूद रहने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद अब संभावना है कि कागज़ी कार्रवाई पूरी होने के बाद जनार्धन रेड्डी की रिहाई बुधवार को हो जाए।
जनार्दन रेड्डी को 5 सितंबर, 2011 को गिरफ्तार किया गया था। दरअसल, गिरफ्तारी के वक्त कर्नाटक के बेल्लारी और इसके आसपास के इलाकों में रेड्डी बंधुओं की तूती बोलती थी, और उस समय राज्य में बीजेपी की सरकार थी। 5 सितंबर, 2011 को सीबीआई की एक टीम बेल्लारी में सुबह-सुबह रेड्डी बंधुओं के घर पहुंची, और जीप में बिठाकर सीधे हैदराबाद ले गई, क्योंकि वहां उनकी कंपनी ओब्लापुरम माइनिंग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच जारी थी।
हैदराबाद में ही जनार्दन रेड्डी को एक विशेष अदालत में पेश कर अवैध खनन मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया। जनार्दन रेड्डी पर अवैध खनन के कुल आठ मुकदमे चल रहे हैं। दरअसल, 2011 में कर्नाटक के लोकायुक्त संतोष हेगड़े ने अपनी रिपोर्ट में जनार्दन रेड्डी पर अवैध खनन करने और इसे बढ़ावा देने का आरोप लगाया था, और उसके बाद उन्हें अपने मंत्रिपद से इस्तीफा देना पड़ा था। वैसे, जनार्दन रेड्डी और उनके परिवार पर जमानत पाने के लिए सीबीआई के जज को रिश्वत देने के आरोप में भी मुकदमा चल रहा है।
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