
जम्मू कश्मीर विधानसभा में सोमवार जमकर हंगामा देखने को मिला, नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा वक्फ कानून को लेकर पेश किए गए स्थगन प्रस्ताव पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और सत्ताधारी दल के विधायक आपस में भिड़ गए. भारी शोर-शराबे और नारेबाजी के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने कहा कि ...मैंने नियम देखे हैं और नियम 58 के अनुसार, जो भी मामला न्यायालय में विचाराधीन है, उसे स्थगन के लिए नहीं लाया जा सकता. चूंकि यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है और मुझे इसकी एक प्रति मिली है, इसलिए नियम स्पष्ट रूप से कहता है कि हम स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से चर्चा नहीं कर सकते.
#WATCH | जम्मू: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ संशोधन अधिनियम पर स्थगन प्रस्ताव को स्पीकर द्वारा अस्वीकार किए जाने के बाद हंगामा हुआ।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 7, 2025
स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने कहा, "...मैंने नियम देखे हैं और नियम 58 के अनुसार, जो भी मामला न्यायालय में विचाराधीन है, उसे स्थगन के लिए नहीं लाया… pic.twitter.com/Vabqsd3CRP
बीजेपी के विधायक वक्फ कानून पर प्रश्न काल के दौरान चर्चा कराने की मांग की. बीजेपी के विधायक सदन में क्वेश्चन आवर की कॉपियां लेकर खड़े थे. इस बीच सदन में दोनों पक्षों के विधायकों ने जमकर नारेबाजी की शुरुआत हो गई. मामले की शुरुआत तब हुई, जब नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक विधायक ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में संसद में पारित वक्फ कानून में किए गए बदलावों को वापस लेने की मांग की गई थी.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों का क्या था कहना?
एनसी का कहना था कि यह कानून जम्मू कश्मीर में मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वायत्तता और संपत्ति के अधिकारों पर हमला है. पार्टी ने इसे राज्य के विशेष दर्जे को कमजोर करने की एक और कोशिश करार दिया. प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार ने इस संशोधन को लागू करने से पहले स्थानीय नेताओं और समुदायों से कोई सलाह-मशविरा नहीं किया.

बीजेपी विधायकों ने किया विरोध
दूसरी ओर, भाजपा विधायकों ने इस प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया. उनका कहना था कि वक्फ कानून में संशोधन पारदर्शिता बढ़ाने और वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए किया गया है. भाजपा विधायक दल के नेता ने सदन में कहा, "यह प्रस्ताव राजनीति से प्रेरित है और इसका मकसद केवल लोगों को भड़काना है. केंद्र सरकार का यह कदम भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है." भाजपा सदस्यों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस पर आरोप लगाया कि वह धार्मिक भावनाओं को भुनाने की कोशिश कर रही है.
जैसे ही यह बहस शुरू हुई, दोनों पक्षों के विधायक अपनी-अपनी सीटों से उठकर नारेबाजी करने लगे. एनसी विधायकों ने "वक्फ कानून वापस लो" के नारे लगाए, जबकि भाजपा विधायकों ने "जय श्री राम" और "भारत माता की जय" के नारे लगाकर जवाब दिया. कुछ विधायकों ने एक-दूसरे के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणियां भी कीं, जिससे माहौल और गरमा गया. विधानसभा अध्यक्ष ने कई बार शांति की अपील की, लेकिन स्थिति बेकाबू होती देख उन्होंने पहले 15 मिनट के लिए और फिर पूरे दिन के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी.
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