जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 (Article 370) के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली कई सारी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. जम्मू कश्मीर में संचार पर पाबंदियों सहित अन्य प्रतिबंधों को हटाने की मांग करते हुए ये याचिकाएं दायर की गई हैं. दरअसल, संचार पर पाबंदियां पत्रकारों के पेशेवर कर्तव्यों को पूरा करने की राह में बाधक बन रही हैं. अनुच्छेद 370 रद्द करने के फैसले के खिलाफ याचिका अधिवक्ता एमएल शर्मा ने दायर की है, जबकि नेशनल कांफ्रेंस सांसद मोहम्मद अकबर लोन और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी ने जम्मू कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में केंद्र द्वारा किये गए बदलावों को चुनौती दी है. पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल, जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला रशीद और राधा कुमार जैसे प्रख्यात हस्तियों सहित अन्य भी इसमें शामिल हैं.
Article 370 के खिलाफ याचिकाओं से जुड़ी 10 बड़ी बातें
- माकपा नेता सीताराम येचुरी ने भी एक याचिका दायर कर अपनी पार्टी के नेता मोहम्मद तारिगामी को पेश करने की मांग की है, जिन्हें अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया है. अनुच्छेद 370 से जुड़े सभी विषय और इसके बाद के घटनाक्रम प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं.
- वहीं, जम्मू कश्मीर प्रशासन ने मंगलवार को कहा कि जिन इलाकों में पाबंदियां हटा दी गई हैं वहां दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान खोले जा सकते हैं, जबकि कश्मीर घाटी में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं बहाल करने के लिए कोशिशें की जा रही हैं.
- जम्मू कश्मीर की सूचना एवं जन संपर्क निदेशक सेहरीश असगर ने मीडिया से कहा कि और अधिक इलाकों में लैंडलाइन टेलीफोन कनेक्शन को बहाल करने के लिए घाटी में और भी टेलीफोन एक्सचेंज खोलने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं. असगर ने कहा, ‘जहां-जहां पाबंदियां हटा दी गई हैं वहां दुकानें खोली जा सकती हैं.'
- दरअसल, उनसे पूछा गया कि व्यापारिक प्रतिष्ठान कब खुलेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि घाटी में उन इलाकों में उच्च विद्यालय बुधवार से खुलेंगे, जहां पाबंदियां हटा दी गई हैं. उन्होंने कहा कि घाटी में प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय खुल गए हैं और पिछले कुछ दिनों में उनमें छात्रों की उपस्थिति भी बढ़ी है.
- स्कूलों की स्थिति के बारे में शिक्षा निदेशक, कश्मीर युनिस मलिक ने मीडिया को बताया कि घाटी में 3037 प्राथमिक विद्यालय और 774 माध्यमिक विद्यालय फिर से खुल गये हैं. शिक्षकों की उपस्थिति में भी काफी वृद्धि हुई है. उन्होंने बताया कि घाटी में 81 थाना क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही पर लगी पाबंदियां अब हटा दी गई हैं.
- गुरुवार को 10 और थाना क्षेत्रों में पाबंदियां हटाई जाएंगी. श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हसीब मुगल ने स्थिति का ब्यौरा देते हुए कहा कि घाटी में कहीं से भी किसी बड़ी अप्रिय घटना की खबर नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘आज कोई बड़ी घटना नहीं हुई. श्रीनगर से दो छोटी घटनाएं दर्ज की गई.'
- जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को केंद्र द्वारा पांच अगस्त को रद्द किये जाने के बाद राज्य में मोबाइल और इंटरनेट सहित कई सेवाएं निलंबित कर दी गई.
- केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि राजग सरकार ने अनुच्छेद 370 के प्रावधान वोट या प्रचार करने के लिये नहीं बल्कि देश से किया गया वादा पूरा करने के लिये हटाये. उन्होंने कहा कि कुछ जिलों को छोड़कर कश्मीर घाटी में कुल मिलाकर हालात "सामान्य" हैं. रेड्डी ने यह बात 'अनुच्छेद 370 की समाप्ति, उभरते भारत पर प्रभाव' विषय पर चर्चा के दौरान कही. उन्होंने कहा, "हमने इस तथ्य के बावजूद संसद में विधेयक पेश किया कि हमारे पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है. लेकिन हम जानते थे कि कुछ राजनीतिक दल जो तीन तालाक विधेयक के खिलाफ थे, वे इसका समर्थन करेंगे क्योंकि यह मुद्दा राष्ट्रीय एकीकरण से संबंधित है."
- नौकरशाह से नेता बने शाह फैसल की हिरासत को उचित ठहराते हुए जम्मू कश्मीर सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि उन्होंने देश की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ श्रीनगर हवाई अड्डे पर जमा लोगों को भड़काया. डीआईजी, सीकेआर, श्रीनगर के जरिए दाखिल एक हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा है कि फैसल के पास छात्र वीजा नहीं था, हालांकि उन्होंने दावा किया था कि वह पढ़ाई के लिए अमेरिका जा रहे थे. फैसल की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के जवाब में दाखिल हलफनामे में यह कहा गया है.
- फैसल ने याचिका में आरोप लगाया था कि उन्हें 14 अगस्त को दिल्ली हवाई अड्डे पर अवैध तरीके से रोका गया और वापस श्रीनगर भेज दिया जहां उन्हें नजरबंद कर दिया गया है.
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