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This Article is From Sep 26, 2013

जम्मू-कश्मीर हमला : लेफ्टिनेंट कर्नल समेत 12 की मौत, तीनों आतंकी भी ढेर

आतंकियों ने पहले कठुआ में पुलिस थाने पर और इसके बाद सांबा में सेना के कैम्प पर हमला किया

श्रीनगर: जम्मू के कठुआ और सांबा में आतंकियों ने दोहरा हमला कर पुलिसकर्मियों और सैनिकों समेत 12 लोगों की हत्या कर दी। मारे गए लोगों में सेना का एक लेफ्टिनेंट कर्नल भी शामिल है।  इन हमलों में कुछ अन्य घायल भी हुए हैं, जिनमें सेना के कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल हैं। कठुआ के पुलिस स्टेशन पर हमला कर सांबा के आर्मी कैंप में घुसे तीनों आतंकियों को कई घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद मार गिराया गया।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इन आंतकवादी हमलों की निंदा करते हुए इसे शांति वार्ता पर हमला करार दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शांति के दुश्मनों द्वारा एक और हमला एवं बर्बर कार्रवाई है। पीएम ने कहा कि आतंकियों को हराने का हमारा इरादा पक्का है।

पहला हमला कठुआ के हीरा नगर पुलिस स्टेशन पर हुआ, जहां आतंकियों का मुकाबला करते हुए कम  से कम छह पुलिसवाले शहीद हो गए। आतंकी सेना की वर्दी में ऑटो से आए थे। आतंकियों ने पहले पुलिस स्टेशन के बाहर एसटीडी बूथ पर हमला किया, फिर आतंकी पुलिस स्टेशन में दाखिल में हुए। हमले को अंजाम देने के बाद आतंकी एक ट्रक पर कब्जा कर सांबा की ओर भागे, जहां आतंकियों ने सेना के कैंप पर हमला किया। वहां एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक जवान के मारे जाने की खबर है।

इन आतंकियों ने सीमापार से घुसपैठ की थी और इसके बाद इन्होंने पूरी तैयारी के साथ हमले को अंजाम दिया।  गौरतलब है कि कठुआ और सांबा एलओसी से सटा इलाका है, जिसकी वजह से सीमा पार से आतंकी यहां घुस आते हैं। इससे पहले भी कई बार कठुआ में आतंकी हमले हुए हैं, वहीं सांबा में सेना का बड़ा कैंप है।

एक अनजान-से आतंकवादी संगठन 'शुहादा ब्रिगेड' के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी पीटीआई  को फोन कर दावा किया कि इन दोनों हमलों के पीछे उन्हीं का हाथ है। हालांकि जानकारों का मानना है कि ऐसा दावा असली आतंकी संगठन की करतूत से ध्यान हटाने की चाल भी हो सकती है।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में संवाददाताओं को बताया कि हमला करने वाले आतंकवादी 12 घंटा पूर्व भारत में घुसपैठ कर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि इस हमले का एकमात्र मकसद न्यूयॉर्क में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच होने वाली वार्ता को टालना है। उन्होंने कहा, यदि इस हमले के कारण वार्ता की प्रक्रिया टलती है, तो यह आज के हमले में शहीद होने वालों के प्रति भारी अन्याय होगा।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मुस्तफा कमाल का कहना है कि यह हमला भारत और पाकिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया को झटका देने के इरादे से किया गया है।

कांग्रेस का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की बातचीत में बाधा डालने के इरादे से ये हमला किया गया है। उधर, बीजेपी का कहना है कि ऐसे हालात में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ बातचीत सही नहीं है। रक्षा मामलों के जानकार भरत वर्मा ने भी इन हालात में पाकिस्तान के साथ बातचीत पर सवाल उठाए हैं।

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