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क्या संभव है ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का जनता सीधे चुने, अभी कैसे होता है चुनाव

ऐसी खबरें हैं कि उत्तर प्रदेश में ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता से कराया जाए. आइए जानते हैं कि इसके लिए सरकार को क्या क्या बदलाव करने होंगे.

क्या संभव है ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का जनता सीधे चुने, अभी कैसे होता है चुनाव
नई दिल्ली:

प्रदेश सरकार जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष (ब्लॉक प्रमुख) का चुनाव भी सीधे जनता से कराने पर विचार कर रही है.प्रदेश सरकार जल्द ही इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज सकती है. अगर केंद्र की मंजूरी मिल गई तो अगला पंचायत चुनाव में इसे लागू कर दिया जाए. उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर का कहना है कि उन्होंने इसकी चर्चा केंद्रीय गृहमंत्री से की थी और उन्होंने ने भी इस पर सहमति जताई थी.उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश में भी इन चुनावों को सीधे जनता से कराने की चर्चा चल रही है.

कैसे होता है ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव 

उत्तर प्रदेश के पिछले पंचायत चुनाव में ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से कराया गया था. ब्लाक प्रमुख पद पर चुनाव से पहले बीडीसी के सदस्य का चुनाव जनता करती है. ये बीडीसी सदस्य ही अपने बीच से ब्लॉक प्रमुख का चुनाव करते हैं.ठीक इसी तरह से जिला पंचायत सदस्य को पहले जनता चुनती है. चुने गए जिला पंचायत सदस्य अपने बीच से ही जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव करते हैं. 

उत्तर प्रदेश में ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जाता है. इसमें धनबल और बाहुबल का जमकर इस्तेमाल होता है. प्रदेश में पिछली बार हुए जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में जमकर हिंसा हुई थी. कई जगह उम्मीदवारों से पर्चे छीन लिए गए थे तो कई जगह ऐसी भी खबरें आई थीं कि उम्मीदवारों को नामांकन पत्र भी दाखिल नहीं करने दिया गया था. ऐसे में अगर उत्तर प्रदेश सरकार ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता से कराने का फैसला लेती है तो यह इस चुनाव में धनबल और बाहुबल के इस्तेमाल पर रोक कि दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम हो सकता है. 

क्या करना पड़ेगा संविधान संशोधन

इस दिशा में कदम उठाने के लिए सरकार को संविधान में संशोधन करना होगा.पंचायत चुनाव संविधान के अनुच्छेद 243 के तहत कराए जाते हैं. यह अनुच्छेद 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के तहत पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा देता है. इसमें पंचायत चुनाव, आरक्षण और कामकाज तक की व्यवस्था दी गई है. इसमें व्यवस्था दी गई है कि ब्लॉक प्रमुख का चुनाव क्षेत्र पंचायत के चुने हुए सदस्यों और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जिला पंचायत के चुने हुए सदस्यों के जरिए कराया जाएगा.ऐसे में ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता से कराने के लिए संविधान में संशोधन करना होगा. अभी केवल उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में ही यह चुनाव सीधे करने पर चर्चा चल रही है. लेकिन संविधान संशोधन की स्थिति में उसका अनुमोदन कम से कम आधे राज्यों से करवाना होगा. इसलिए यह मामला इतना आसान भी नहीं है. 

ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत सदस्य का चुनाव सीधे जनता से कराए जाने के लिए सरकार की चुनाव प्रक्रिया में बदलाव करना होगा. अभी एक मतदाता को ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, बीडीसी सदस्य और जिला पंचायत सदस्य पद के लिए अलग-अलग मतपत्र पर मतदान करना होता है, लेकिन अगर ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत सदस्य का भी चुनाव जनता करेगी तो एक मतदाता को दो और मतपत्रों पर मतदान करना होगा. हालांकि यह बातचीत अभी शुरूआती स्तर पर ही है, इसलिए यह पता नहीं है कि चुनाव की प्रक्रिया क्या होगी. बीडीसी सदस्य या जिला पंचायत सदस्य का चुनाव होगा या नहीं. 

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