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This Article is From Feb 25, 2024

हरियाणा के सात ज़िलों में इंटरनेट सेवा बहाल, 13 फरवरी से बंद था इंटरनेट

13 फरवरी से ही प्रशासन ने एतिहातन इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी. जिन जिलों में अब इंटरनेट सेवा बहाल की गई है, उनमें कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, सिरसा, फतेहाबाद, जींद और हिसार शामिल है.

हरियाणा के सात ज़िलों में इंटरनेट सेवा बहाल, 13 फरवरी से बंद था इंटरनेट
हरियाण के सात जिलों में इंटरनेट सेवा बहाल. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

हरियाणा के 7 जिलों में एक बार फिर से इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया गया है. बता दें कि किसान आंदोलन को ध्यान में रखते हुए इन जिलों में 13 फरवरी से ही प्रशासन ने एतिहातन इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी. जिन जिलों में अब इंटरनेट सेवा बहाल की गई है, उनमें कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, सिरसा, फतेहाबाद, जींद और हिसार शामिल है. इंटरनेट सेवा बंद होने की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी छात्र और व्यापारी वर्ग को हो रही थी. ऐसे में बीते कुछ समय से मांग उठ रही थी कि इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया जाए. 

बता दें कि हरियाणा से 7 जिलों में इंटरनेट सेवा को बहाल करने के साथ-साथ सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर के बंद सर्विस रोड को भी खोल दिया गया है. शनिवार को दिल्ली पुलिस द्वारा बॉर्डर्स को खोल दिया गया था. किसानों के 'दिल्ली मार्च' को 29 फरवरी तक टालने के बाद पुलिस ने यह फैसला लिया है.

फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर हजारों किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और ट्रकों के साथ खनौरी और शंभू सीमा पर डेरा डाले हुए हैं. किसान नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि वह अपने ‘दिल्ली चलो' आंदोलन को लेकर अगले कदम के बारे में 29 फरवरी को फैसला करेंगे. 

बताते चलें कि इससे पहले शनिवार को किसानों द्वारा ‘कैंडल मार्च' निकाला गया था. किसान नेताओं ने खनौरी में झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत और लगभग 12 पुलिस कर्मियों के घायल होने के बाद बुधवार को ‘दिल्ली चलो' आंदोलन को दो दिनों के लिए रोक दिया था. यह घटना तब हुई थी जब किसानों ने अवरोधकों को तोड़ते हुए आगे बढ़ने की कोशिश की थी.

क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं किसान

बता दें, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों को स्वीकार कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते ‘दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं. उनके आह्वान पर बड़ी संख्या में किसान हरियाणा और पंजाब के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं.

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