"इंटरनेट जहरीला बनता जा रहा है": आईटी मंत्री ने कहा- ट्रोलिंग रोकने के लिए जल्द लाएंगे कानून

दुबई में इंडिया ग्लोबल फोरम में NDTV के साथ एक इंटरव्यू में आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, 'साइबर बुलिंग (Cyber Bullying) जैसे उदाहरण "डिजिटल नुकसान" से जुड़े मुद्दे हैं. इसे एक नए कानून के दायरे में लाया जाएगा. नया कानून आईटी एक्ट (IT Act) की जगह लेगा.

आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दुबई में आयोजित इंडिया ग्लोबल फोरम में ये बातें कही.

दुबई:

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (IT Minister Rajiv Chandrasekhar) ने कहा इंटरनेट को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इंटरनेट (Internet is becoming Toxic) जहरीला होता जा रहा है और इसके जरिए "गलत सूचनाओं को हथियार बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर ट्रोलिंग को रोकने के लिए सरकार जल्द ही एक नया कानून लेकर आएगी.

दुबई में इंडिया ग्लोबल फोरम में NDTV के साथ एक इंटरव्यू में आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, 'साइबर बुलिंग (Cyber Bullying) जैसे उदाहरण "डिजिटल नुकसान" से जुड़े मुद्दे हैं. इसे एक नए कानून के दायरे में लाया जाएगा. नया कानून आईटी एक्ट (IT Act) की जगह लेगा.

उन्होंने कहा, 'प्रस्तावित डिजिटल इंडिया अधिनियम सार्वजनिक परामर्श के दायरे से बाहर होगा. इस अधिनियम से एक व्यक्ति- युवा या बुजुर्ग खुद को सुरक्षित महसूस करेगा.' आईटी मंत्री ने आगे कहा कि नए कानून के तहत किसी को ट्रोल होने की चिंता करने की जरूरत नहीं होगी. इंटरनेट पर युवा लड़कियां भी साइबर बुलिंग का शिकार नहीं होंगी.


चंद्रशेखर ने कहा, "लोकतंत्र के लिए ये सभी वैध अपेक्षाएं हैं- जैसे युवा लड़कियों, युवा लड़कों, छात्रों, बुजुर्ग पेंशनभोगी महिला गृहिणी और युवा पेशेवर के लिए इंटरनेट सुरक्षित और भरोसेमंद होना चाहिए. इंटरनेट एक ऐसी जगह नहीं हो सकती जहां जहरीला माहौल हो."

आईटी मंत्री ने कहा, "मैं इंटरनेट को आज जहरीला बनते हुए देखता हूं. गलत सूचनाओं का यह हथियारीकरण होता जा रहा है. ​जबकि इंटरनेट अच्छी ताकत का प्रतिनिधित्व करता है. सरकार चाहती है कि इंटरनेट 1.2 बिलियन भारतीयों के लिए अच्छाई की ताकत बना रहे."

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में विषाक्तता ने हाल ही में सुर्खियां बटोरीं, लेकिन आईटी अधिनियम के तहत कोई विशिष्ट कानून नहीं है जो इस मुद्दे को संबोधित करता हो. वर्तमान में अपराधियों को आपराधिक धमकी, यौन उत्पीड़न, मानहानि, ताक-झांक, ऑनलाइन पीछा करने और आपत्तिजनक कंटेंट से निपटने वाली भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है, लेकिन इंटरनेट की गुमनामी ने ट्रोल्स के लिए बचना आसान बना दिया है.

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