- केंद्र ने चार नए श्रम संहिताओं को लागू करने की घोषणा की है, जिनसे मौजूदा कानून सरल होंगे.
- इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक ने संवाद और सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया है.
- आईएलओ ने सामाजिक सुरक्षा और न्यूनतम मजदूरी को शामिल करते हुए श्रम सुधारों को सकारात्मक बताया है.
भारत में चार नए श्रम कानूनों को लागू करने की घोषणा का अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने सराहना की है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (international labor organization) और अंतरराष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ (International Social Security Association) जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने श्रम कानूनों को लागू करने का स्वागत किया है. आईएलओ के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ हौंग्बो ने संवाद पर बल दिया और कहा कि तभी यह तभी यह कर्मचारियों और कारोबार दोनों के लिए फायदेमंद होगा.
आईएलओ महानिदेशक ने एक एक्स पोस्ट में कहा, "सामाजिक सुरक्षा और न्यूनतम मजदूरी को शामिल करते हुए आज घोषित भारत की नई श्रम संहिताओं के घटनाक्रमों पर ध्यान रख रहा हूं. सरकार, नियोक्ताओं और श्रमिकों के बीच सामाजिक संवाद जरूरी रहेगा क्योंकि सुधारों को लागू किया जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे श्रमिकों और व्यवसायों के लिए सकारात्मक हों."

इसके साथ ही आईएसएसए ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपनी पोस्ट में कहा: "भारत की श्रम संहिताएं मजबूत और अधिक समावेशी सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों के लिए वैश्विक प्रयासों को गति प्रदान करती हैं. आईएसएसए इस उपलब्धि का स्वागत करता है और इसके दायरे, सुरक्षा तथा संस्थागत क्षमता में निरंतर निवेश को प्रोत्साहित करता है."

सरकार ने बीते शुक्रवार को चार लेबर कोड को तत्काल प्रभाव से लागू करने की घोषणा की. इनके जरिए 29 मौजूदा श्रम कानूनों को तर्कसंगत बनाया गया है. ये चार लेबर कोड – वेतन संहिता 2019, औद्योगिक संबंध संहिता 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य दशाएं संहिता 2020 हैं.
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