नौसेना से हटाए गए ऐतिहासिक युद्धपोत आईएनएस विराट (INS Viraat) को तोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा फिलहाल यथास्थिति बरकरार रहेगी. इसके साथ ही कोर्ट ने खरीदने वाले को नोटिस भी जारी किया है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया है कि एक ग्रुप भविष्य के लिए इसे संरक्षित करना चाहता है और खरीदार को 100 करोड़ रुपये की पेशकश की गई है खरीदार ने इसे कबाड़ बनाने के लिए खरीदा है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि इसे तोड़ने से अच्छा है कि उसे म्यूजियम में तब्दील कर दिया जाए. विमान वाहक पोत विराट को 1987 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. वर्ष 2017 में इसे नौसेना से हटा दिया गया था, जिसे बाद में एक ग्रुप ने इसी साल नीलामी में 38.54 करोड़ रुपये में खरीद लिया था. भारतीय समुद्री विरासत के प्रतीक इस युद्धपोत को गुजरात के अलंग जहाज तोड़ने वाले यार्ड में पहुंचाया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने अब इसे तोड़ने पर रोक लगा दी है.
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में महाराष्ट्र सरकार ने सेवा से मुक्त हो चुके विमानवाहक पोत आईएनएस विराट को मरम्मत के साथ संरक्षित करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है. शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस बाबत रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखा था.रक्षा मंत्रालय से इसके लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) मांगी गई थी. चतुर्वेदी ने कहा कि महाराष्ट्र (Maharashtra) को इस ऐतिहासिक युद्धपोत के पुनरोद्धार और संरक्षण करने में खुशी होगी. उन्होंने कहा, यह बेहद दुख और चिंता की बात है कि गुजरात के अलंग में INS Viraat को कबाड़ में तब्दील करने का कार्य शुरू किया जा चुका है.
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