दुनियाभर में फैले कोरोनावायरस (Coronavirus) के कारण कई देशों में लॉकडाउन (Lockdown) किया गया है. ऐसे में बहुत से भारतीय विदेशों में फंसे हुए हैं. ऐसे में द्वीपीय देश मालदीव में फंसे हुए लोगों को निकालने आईएनएस जलाश्व गुरुवार को माले पहुंचा था. इसके बाद यह नौसेनिक जहाज रविवार सुबह कोच्चि बंदरगाह पर पहुंच गया है. इस नौसेनिक जहाज से 698 भारतीयों को देश लाया गया है. माले से लौटे भारतीय में 19 प्रेगनेंट महिलाएं भी शामिल हैं.
बता दें, भारतीय नौसेना ने एक बयान में शुक्रवार को कहा था कि आईएनएस जलाश्व भारतीय नौसेना द्वारा नागरिकों को विदेशी तटों से घर लाने के लिए शुरू किए गए मिशन का हिस्सा है. माले के एक रिसॉर्ट में काम करने वाले पलक्कड़ के प्रदीप ने कहा था, ''यह बहुत बड़ी बात है कि उच्चायोग ने हमारे लिए यह व्यवस्था की और हमें अब तक कोई समस्या नहीं है. हमें उचित दिशा-निर्देश के साथ सभी चीजें मिलीं, सारी व्यवस्थाएं उच्चायोग द्वारा की गई है.''
INS Jalashwa arrived at Kochi Harbour today bringing back 698 Indian nationals from Male, Maldives. According to the Indian Navy, there are 19 pregnant women among the 698 Indian nationals. #OperationSamudraSetu pic.twitter.com/RULwoTM1mB
— ANI (@ANI) May 10, 2020
गौरतलब है कि आईएनएस जलाश्व में राहत सामग्री, कोविड-19 सुरक्षा उपकरणों की पूरी व्यवस्था की गई थी. इसके साथ ही जहाज में चिकित्सा और प्रशासनिक सहायता कर्मी भी मदद के लिए मौजूद रहे. कोरोनावायरस महामारी के बीच, भारत ने विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन नाम का अपना सबसे बड़ा अभियान शुरू किया है.
भारत सरकार ने सोमवार को विदेश में फंसे अपने नागरिकों को 7 मई से चरणबद्ध तरीके से स्वदेश लाने की योजना की घोषणा की थी.
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