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This Article is From Apr 21, 2025

15 मिनट तक पानी के नीचे पड़ा रहा मासूम, स्वीमिंग पूल में डूबकर मौत

ग्रंथ के पिता हसमुख मुथा ने बताया कि उनका बेटा सुबह 11 बजे घर से निकला था और करीब 12.30 बजे क्लब के लाइफगार्ड उसे मृत अवस्था में बाइक से ठुंगा अस्पताल लेकर पहुंचे. उन्होंने बताया, “हमें अस्पताल आने की सूचना हमारे रिश्तेदार ने दी, जिनका बेटा भी ग्रंथ के साथ तैराकी सीख रहा था".

महज सात दिन पहले ही ग्रंथ ने तैराकी क्लास शुरू की थी.
मुंबई:

महाराष्ट्र में रविवार सुबह मीराभायंदर के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में तैराकी की कोचिंग के दौरान 11 वर्षीय ग्रंथ मुथा की डूबकर मौत हो गई. यह हादसा उस वक्त हुआ, जब वह पानी में तैरने की ट्रेनिंग ले रहा था. इस हादसे ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है. ग्रंथ ने हाल ही में स्वीमिंग क्लास शुरू की थी और वह गोल्डन नेस्ट स्थित लाजर पार्क में बने मीराभायंदर महानगरपालिका के गोपीनाथ मुंडे स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में ट्रेनिंग ले रहा था. लेकिन ट्रेनिंग के दौरान हुई लापरवाही ने ग्रंथ की जान ले ली.

'बचाने वाला कोई नहीं था': परिवार

ग्रंथ के पिता हसमुख मुथा ने बताया कि उनका बेटा सुबह 11 बजे घर से निकला था और करीब 12.30 बजे क्लब के लाइफगार्ड उसे मृत अवस्था में बाइक से ठुंगा अस्पताल लेकर पहुंचे. उन्होंने बताया, “हमें अस्पताल आने की सूचना हमारे रिश्तेदार ने दी, जिनका बेटा भी ग्रंथ के साथ तैराकी सीख रहा था. जब दूसरे बच्चों ने देखा कि ग्रंथ पानी में नहीं दिख रहा है, तब उन्होंने बाहर आकर अपने माता-पिता को जानकारी दी. तभी शोर मचाया गया.”

मुथा, जो बीकेसी में एक डायमंड कंपनी में काम करते हैं, का आरोप है कि यह मौत लापरवाही की वजह से हुई और जिनकी जिम्मेदारी थी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने बताया, “महज सात दिन पहले ही ग्रंथ ने तैराकी क्लास जॉइन की थी और आज उसकी लाश अस्पताल पहुंची. अगर सही समय पर लाइफगार्ड्स ने एक्शन लिया होता, तो आज मेरा बेटा जिंदा होता. वह 15 मिनट तक पानी के नीचे पड़ा रहा. इतने वक्त तक कोई उसे नहीं देख पाया—लाइफगार्ड्स कहां थे?”

छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

नवघर पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिनमें कॉन्ट्रैक्टर और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का मैनेजर भी शामिल है. इनके खिलाफ बीएनएस की धारा 106 (लापरवाही से मृत्यु) और 3(5) (साझा इरादा) के तहत केस दर्ज किया गया है. नामजद आरोपी हैं, नारायण नाइक, हिंगोला नायक, प्रतीमेश कदम, अर्जुन कदम, सहस चैरिटेबल ट्रस्ट का ठेकेदार और कॉम्प्लेक्स का मैनेजर.

रिश्तेदार का आरोप: बच्चों की जान से खिलवाड़

परिवार के एक अन्य सदस्य प्रवीन बाफना ने कहा, “जो लोग यहां तैराकी की क्लास चला रहे हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। लाइफगार्ड्स को खुद समय पर पानी में कूदकर जान बचानी चाहिए थी. अगर वे ऐसा नहीं कर सकते तो उनका होना ही व्यर्थ है. कॉन्ट्रैक्टर पैसे बचाने के लिए प्रशिक्षित लोगों की जगह अधकचरे सीखने वालों को रख रहा है. यहां बच्चों की सुरक्षा से समझौता हो रहा है.”

पोस्टमॉर्टम के लिए ग्रंथ के शव को भायंदर के सिविल अस्पताल भेजा गया. पहले पुलिस ने आकस्मिक मृत्यु की रिपोर्ट (ADR) दर्ज की थी, लेकिन बाद में मामले में गंभीर धाराएं लगाई गईं. परिवार ने पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है. पुलिस ने आश्वासन दिया है कि घटना के समय के सीसीटीवी फुटेज भी जांचे जाएंगे. इस पूरे मामले में बस यही सवाल उठता है कि आखिर लाइफगार्ड्स कहां थे.

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