एक भारतीय नौसेना प्रशिक्षु को न केवल अपने पिता के नक्शेकदम पर चलने का मौका मिला, बल्कि नौसैनिक उड़ान की ट्रेनिंग भी अपने पिता के अधिन ही प्राप्त हुआ है. भारतीय नौसेना के अनुसार, जितेन्द्र कुमार नाम के एक प्रशिक्षु ने कोच्चि, केरल में चेतक हेलिकॉप्टर के साथ 21 सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद नौसेना के हेलीकॉप्टरों पर उड़ान भरने का कोर्स पूरा किया. उनके पिता, मास्टर चीफ फ्लाइट डाइवर रमेश कुमार के देखरेख में उन्होंने यह प्रशिक्षण प्राप्त किया.
रमेश कुमार एक प्रशिक्षक के रूप में नौसेना में सेवारत रहे हैं और कुछ चुनिंदा गोताखोरों को हेलीकॉप्टर पर एयरक्राफ्ट गोताखोर बनने के लिए प्रशिक्षित करते हैं.भारतीय नौसेना ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर पिता और उनके बेटे की तस्वीर को पोस्ट किया है.
गौरतलब है कि जितेन्द्र कुमार ने 30 सितंबर को 12 अन्य फ्लाइट डाइवर्स के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की. उन्होंने आईएनएस चिल्का में छह महीने का बुनियादी प्रशिक्षण पूरा किया था, जब उन्हें उड़ान गोताखोर बनने की दिशा में अपने प्रशिक्षण को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान किया गया था. जितेन्द्र कुमार ने कोच्चि के डाइविंग स्कूल में तीन महीने का प्रशिक्षण पूरा किया जहां वह अपने पाठ्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बने. उन्होंने हेलीकॉप्टर से संचालन के दौरान बचाव प्रक्रियाओं पर विशेष जोर देने के साथ विमानन के सभी पहलुओं पर प्रशिक्षण के लिए INS गरुड़, कोच्चि में चेतक हेलीकॉप्टर उड़ान, 321 उड़ान में शामिल हुए.
नौसेना ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर लिखा, "उत्साह और ध्यान के साथ कड़ी मेहनत ने उसे अपने प्रशिक्षण के सफल समापन पर फ्लाइट गोताखोर के प्रतिष्ठित 'विंग्स' को हासिल करने में मदद की." यह ऐतिहासिक और गर्व का क्षण था. भारतीय नौसेना में फ्लाइट डाइवर्स के रूप में सक्रिय रूप से सेवारत करने वाला यह पहला पिता-पुत्र की जोड़ी है "
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