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विस्की, वोदका, रम... कौन पी रहा लिटिल-लिटिल और कहां लोग गटक गए 7 करोड़ पेटियां, देखिए आ गई रिपोर्ट

रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक ने 6.88 करोड़ पेटियों की बिक्री के साथ फिर से शीर्ष स्थान बनाए रखा, जबकि तमिलनाडु ने 6.47 करोड़ केस के साथ दूसरा स्थान हासिल किया.

विस्की, वोदका, रम... कौन पी रहा लिटिल-लिटिल और कहां लोग गटक गए 7 करोड़ पेटियां, देखिए आ गई रिपोर्ट

भारत, दुनिया के तेजी से बढ़ते शराब बाजारों में से एक है. शराब की खपत हर साल नए रिकॉर्ड बना रही है. हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जहां एक ओर देश के लोग अभी भी 'लिटिल-लिटिल' के दीवाने बने हुए हैं, वहीं वोदका, रम और ब्रांडी जैसे ड्रिंक्स ने भी अपनी पकड़ मजबूत कर ली है. सीआईएबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार 2024-25 में देश कुल आईएमएफएल बिक्री में दक्षिण भारत की 58 प्रतिशत हिस्सेदारी रही.

इंडियन मेड फॉरेन लिकर का बाजार पर कब्जा

सीआईएबीसी के अनुसार, दक्षिण भारत का आईएमएफएल बाजार पर लगभग पूरी तरह से कब्जा है, जबकि देश के बाकी हिस्से की हिस्सेदारी केवल 42 प्रतिशत है. हालांकि, पूरे देश में आईएमएफएल व्हिस्की की बिक्री में 1.4 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो अब 40.17 करोड़ पेटी पर आ गई है. वित्त वर्ष 2023-24 में यह 39.62 करोड़ पेटी थी.

शराब नीति से पड़ी धीमी वजह

सीआईएबीसी के महानिदेशक अनंत एस अय्यर ने कहा, "वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही चुनाव और कुछ राज्यों की शराब नीति के कारण कमजोर रही, जिससे बिक्री धीमी रही. हम राज्य सरकारों से लगातार संपर्क में हैं और आबकारी नीति से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा कर रहे हैं, क्योंकि हर साल राज्य स्तर पर कर और नीतियों में बदलाव होते हैं, जो बिक्री को प्रभावित करते हैं."

आईएमएफएल में व्हिस्की, वोडका, रम, जिन और ब्रांडी शामिल हैं, जिन्हें देशी शराब और पारंपरिक पेयों से अलग माना जाता है.

रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक ने 6.88 करोड़ पेटियों की बिक्री के साथ फिर से शीर्ष स्थान बनाए रखा, जबकि तमिलनाडु ने 6.47 करोड़ केस के साथ दूसरा स्थान हासिल किया. तेलंगाना और आंध्र प्रदेश ने लगभग 9-9% की हिस्सेदारी दी, जबकि केरल सातवें स्थान पर रहा. दक्षिण भारत में कुल मिलाकर बिक्री में लगभग 1% की वृद्धि हुई है. दिलचस्प बात यह है कि पुडुचेरी ने वित्त वर्ष 2024-25 में 0.28 करोड़ पेटियों के साथ 10% की वृद्धि दर्ज की, जो 19वें स्थान पर रहा.

दक्षिणी भाग के बाद उत्तरी क्षेत्र का स्थान रहा, जिसने आईएमएफएल की बिक्री में 20% का योगदान दिया, जहां उत्तर प्रदेश 2.50 करोड़ पेटियों के साथ टॉप पर रहा.

रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश 6% की वृद्धि दर के साथ छठे स्थान पर रहा. इसके बाद राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा का स्थान रहा, जो 1.37 करोड़ पेटियों, 1.18 करोड़ पेटियों और 1.17 करोड़ पेटियों के साथ आईएमएफएल की बिक्री में नौवें, 10वें और 11वें स्थान पर रहे. कुल मिलाकर, उत्तरी क्षेत्र ने वित्त वर्ष 2024-25 में आईएमएफएल की बिक्री में केवल 1% की वृद्धि दर्ज की.

रिपोर्ट में बताया गया कि पश्चिमी क्षेत्र ने 4.70 करोड़ पेटियों के साथ आईएमएफएल की बिक्री में 12% का योगदान दिया, जहां महाराष्ट्र 2.71 करोड़ पेटियों की खपत के साथ सूची में सबसे ऊपर रहा. पूर्वी क्षेत्र में आईएमएफएल की बिक्री का केवल 10% हिस्सा था, जहां पश्चिम बंगाल 1.49 करोड़ पेटियों के साथ शीर्ष पर रहा.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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