राजस्थान के राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने शनिवार को कहा कि भारतीय संविधान शासन प्रणाली और राज्य को चलाने के लिए बनाया गया महत्वपूर्ण दस्तावेज ही नहीं है, बल्कि यह एक मार्गदर्शक प्रकाश स्तंभ है. मिश्र ने कहा कि भारतीय संविधान विश्वभर के लोकतंत्रों की सर्वश्रेष्ठ व्याख्या है. इसमें अधिकारों के साथ-साथ नागरिकों को कर्तव्यों के बारे में भी सचेत किया गया है.
राज्यपाल मिश्र संविधान दिवस के अवसर पर शनिवार को भरतपुर के महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय में नवनिर्मित संविधान पार्क के लोकार्पण के अवसर पर संबोधित कर रहे थे. उन्होंने महाराजा सूरजमल की भव्य प्रतिमा का शिलान्यास किया और 'भारतीय संविधान और संस्कृति' विषयक संगोष्ठी की शुरुआत भी की.
उन्होंने संविधान दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क बनाने का उद्देश्य युवा पीढ़ी को संवैधानिक अधिकारों के साथ-साथ संविधान प्रदत्त मूल कर्तव्यों के पालन के लिए भी जागरूक करना है.
राज्यपाल ने यह भी कहा कि संविधान, संस्कृति और राष्ट्र तीनों एक दूसरे के पूरक हैं, इन तीनों में से किसी एक को अलग नहीं किया जा सकता. राज्यपाल ने महाराजा सूरजमल को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने वीरता और शौर्य के साथ सूझबूझ, दूरदर्शिता से अपने साम्राज्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया.
पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय में महाराजा सूरजमल से सम्बंधित सामग्री का संग्रहालय स्थापित किया जाए, जिससे उनके इतिहास के बारे में आमजन को जानकारी मिल सके.
भरतपुर लोकसभा क्षेत्र की सांसद रंजीता कोली ने कहा कि संविधान दिवस के अवसर पर हुए संविधान पार्क के लोकार्पण के बाद भावी पीढ़ी को संविधान के संबंध में जानने की जिज्ञासा जागृत होगी, जिससे वे संविधान के मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात कर सकेंगे. आधिकारिक बयान के अनुसार मिश्र ने बाद में अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से टीबी मुक्त भारत अभियान को लेकर चर्चा की.
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