- भारत मेट्रो रेल नेटवर्क की कुल लंबाई के मामले में विश्व में तीसरे स्थान पर है और जल्द अमेरिका को पीछे छोड़ेगा
- वर्तमान में भारत का मेट्रो नेटवर्क 1,090 किलोमीटर लंबा है, जिसमें हाल ही में सात किलोमीटर जोड़े गए हैं
- चीन मेट्रो नेटवर्क में पहले स्थान पर है और अमेरिका दूसरे स्थान पर है जिसकी लंबाई 1,400 किलोमीटर है
केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को कहा कि मेट्रो रेल नेटवर्क की कुल लंबाई के मामले में भारत जल्द ही अमेरिका को पीछे छोड़ देगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत मेट्रो रेल कॉरिडोर की कुल लंबाई के मामले में विश्व में तीसरे स्थान पर है. भोपाल देश का 26वां शहर बन गया है, जहां मेट्रो सेवा शुरू हुई है. मेट्रो नेटवर्क की कुल लंबाई के मामले में भारत 1,083 किलोमीटर के साथ दुनिया में तीसरे स्थान पर है. आज जोड़े गए सात किलोमीटर के साथ यह आंकड़ा 1,090 किलोमीटर हो गया है.
मनोहर लाल ने बताया कि चीन इस सूची में पहले स्थान पर है, जबकि अमेरिका 1,400 किलोमीटर के मेट्रो नेटवर्क के साथ दूसरे स्थान पर है. देश में लगभग 900 किलोमीटर लंबी मेट्रो परियोजनाओं का काम जारी है. इनमें से 300 किलोमीटर के जुड़ने के साथ ही भारत अमेरिका को पीछे छोड़ देगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह जन परिवहन परियोजना शहर की व्यस्त सड़कों पर यातायात को सुगम बनाएगी और प्रदूषण कम करने में भी मददगार होगी.भोपाल मेट्रो परियोजना की अनुमानित लागत 10,033 करोड़ रुपये है, जबकि प्राथमिक कॉरिडोर पर 2,225 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. एक अधिकारी ने बताया कि सात किलोमीटर लंबे इस खंड से प्रतिदिन करीब 3,000 यात्रियों के सफर करने की उम्मीद है.
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