
- सरकार ने GST के स्लैब घटाकर दो कर दिए हैं ताकि अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़े और उपभोक्ताओं को लाभ मिले.
- PM की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष महेंद्र देव ने कहा कि GST कटौती से खपत बढ़ने से राजस्व नुकसान नहीं होगा.
- अमेरिका के H1B वीजा शुल्क में वृद्धि से भारतीय पेशेवरों के अपने देश में काम करने के अवसर बढ़ने की संभावना है.
भारत की अर्थव्यवस्था इस समय अहम दौर से गुजर रही है. सरकार ने एक तरफ गुड्स एंड सेवा टैक्स (GST) घटा कर अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने की कोशिश की है. वहीं, दूसरी ओर अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने से कुछ परेशानियां बढ़ी हैं. हालांकि, भारत अपने निर्यात को यूरोप और अफ़्रीकन देशों में फैलाने में जुट गया है, ताकि नुकसान से बचा जा सके. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के अध्यक्ष प्रोफेसर एस. महेंद्र देव की मानें तो जीएसटी घटने से भारत की अर्थव्यवस्था को रफ़्तार मिलेगी.
ताकि GST कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को मिले
महेंद्र देव ने कहा, 'गुड्स एंड सेवा टैक्स (GST) घटने से भारत की अर्थव्यवस्था को रफ़्तार मिलेगी. हालांकि, कुछ लोग ऐसा कह रहे हैं कि जीएसटी घटने का सीधा लाभ आम लोगों तक नहीं पहुंचेगा, लेकिन सरकार निगरानी कर रही है कि GST कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को मिले. जीएसटी के 4 स्लैब को घटाकर दो स्लैब करने से भारत के अर्थव्यवस्था की रफ़्तार बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को सीधा फ़ायदा पहुंचेगा. हालांकि, टैक्स की आमदनी घट सकती है, लेकिन खपत बढ़ने से हमें इसका नुक़सान नहीं होगा. उपभोक्ताओं तक जीएसटी सुधार का लाभ पहुंचे. इसके लिए हम लगातार निगरानी रख रहे हैं.
कंपनियों ने अभी से ही मूल्य घटाने शुरू कर दिए हैं.
अमेरिका के H1B Visa की फीस बढ़ने से भारत को फायदा!
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष ने बताया कि अमेरिका के H1B Visa की फीस बढ़ने से भारत को कहीं न कहीं फायदा होगा, क्योंकि इंडियन प्रोफेशनल्स के लिए अपने देश में काम करने को बढ़ावा मिलेगा. दरअसल, एच-1बी वीजा पर 1 लाख डॉलर का वार्षिक शुल्क लगाने से जुड़े अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद अमेरिकी बाजार में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखने वाले भारतीय आईटी शेयरों पर भारी दबाव आ गया. डोनाल्ड ट्रंप के इस कदम से कंपनियों के लिए भारतीय टेक्नोलॉजी पेशेवरों को नियुक्त करना पहले से अधिक महंगा हो जाएगा।
अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने से भारत पर क्या असर?
महेंद्र देव ने कहा कि अमेरिका के टैरिफ लगाने के बाद भारत अपने निर्यात को यूरोप के साथ-साथ अफ्रीकन देशों में फैलाने की कोशिश कर रहा है, ताकि नुक़सान से बचा जा सके. साथ ही उन्होंने कहा कि भारत-अमरीका में बातचीत चल रही है. एक से दो महीने में सकारात्मक नतीजे आ सकते हैं.
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