"बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर में चीन को भारत 2-3 साल में हरा देगा": शीर्ष अधिकारी

रक्षा मंत्री पूर्वी लद्दाख के न्योमा में एक हवाई क्षेत्र की आधारशिला (ई-शिलान्यास) रखेंगे. इसे 218 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा.

बीआरओ का पूरा ध्यान लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चल रही परियोजनाओं पर है.

नई दिल्ली:

भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क का विकास और रखरखाव करने वाले सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के प्रमुख ने कहा है कि सीमाओं पर बुनियादी ढांचे के विकास में भारत चीन से आगे रहेगा. लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चल रही परियोजनाओं के बारे में बोल रहे थे. यह टिप्पणी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा 10 सीमावर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2,941 करोड़ रुपये की लागत से बीआरओ द्वारा निर्मित 90 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करने से लगभग एक सप्ताह पहले आई है.

बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "अगले दो से तीन वर्षों में भारत वास्तव में चीन को इस मामले में हरा देगा. नब्बे परियोजनाएं 12 सितंबर को राष्ट्र को समर्पित की जा रही हैं. उनमें से 26 लद्दाख में और 36 अरुणाचल में हैं... इसलिए हमारा ध्यान पूरी तरह से इन दो राज्यों पर है और हम इन दोनों में बहुत आगे और बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं." 

राजनाथ सिंह द्वारा उद्घाटन की जाने वाली परियोजनाओं में 22 सड़कें, 63 पुल, अरुणाचल प्रदेश में एक सुरंग और दो रणनीतिक हवाई क्षेत्र शामिल हैं. सेना के अधिकारी ने कहा, "यह राष्ट्र के लिए एक महान क्षण है कि सीमावर्ती क्षेत्रों पर इतनी सारी परियोजनाएं बनाई जा रही हैं और यह हमारी सेना के सुरक्षा मेट्रिक्स को मजबूत कर रही हैं ताकि वे यथासंभव आगे तक तैनात हो सकें और यदि कोई गंभीर स्थिति उत्पन्न हो तो उसका ध्यान रख सकें." रक्षा मंत्री पूर्वी लद्दाख के न्योमा में एक हवाई क्षेत्र की आधारशिला (ई-शिलान्यास) भी रखेंगे. इसे 218 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा. 13,400 फीट की ऊंचाई पर स्थित, न्योमा चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगभग 46 किलोमीटर दूर है.

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