मई में बदलते मौसम की कहानी.
मई-जून की गर्मी का नाम सुनते ही पसीने छूट जाते थे, खैर वो अब गुजरे जमाने की बात हो गई. अब सब कुछ मानो अलग सा है. ऐसा लगता है जैसे मौसम को किसी की नजर लग गई है. गर्मी में ठीक से गर्मी नहीं पड़ रही. सर्दी में सर्दी का एहसास ठीक से नहीं हो पा रहा. त्वचा झुलना देने वाले लू के मौसम में ठंडी हवाएं (Weather Change In India) चल रही हैं. मई की गर्मी अब मची ही कहां. मौसम का तो जैसे रंग-ढंग ही बदल गया है. इसका बड़ा उदाहरण दिल्ली और कर्नाटक की बारिश हैं.
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दिल्ली में मई महीने में बारिश ने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए. 1991 के बाद सबसे ज्यादा बारिश यहां इस महीने दर्ज की गई. आईएमडी के मुताबिक, इस बार मई में यहां सबसे ज्यादा 188.9 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जो कि सामान्य से 202 प्रतिशत ज्यादा है. इससे पहले साल 2008 में मई में 165 मिमी वर्षा हुई थी. आमतौर पर चिलचिलाती गर्मी के लिए फेमस मई में दिल्ली में इस साल हीटवेब चली ही नहीं. हालांकि कई मौकों पर ठंडी हवाएं जरूर महसूस की गईं.

दिल्ली-एनसीआर में मई में कई बार आंधी-तूफान आए और तेज़ हवाएं चलीं. इसकी वजह से हुई घटनाओं में 10 लोगों की जान भी चली गई. आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक, दिल्ली में 2, 17, 21, और 25 मई को खूब बारिश हुई थी.

कर्नाटक में बारिश से बुरा हाल
कर्नाटक में तो बारिश ने गजब ही कर दिया है. बारिश ने यहां 125 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. सीएम सिद्धारमैया ने बताया कि कर्नाटक में 125 साल के इतिहास में पहली बार मई में इतनी ज्यादा बारिश हुई है कि लोगों का बुरा हाल है. 28 जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है. 30 मई को दक्षिण कन्नड़ जिले में भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से 3 लोगों की मौत हो गई. वहीं मोंटेपदावु कोडी में हुए लैंडस्लाइड की चपेट में आने से एक घर के 5 लोग मलबे में दब गए. केरल के भी भारी बारिश से बहुत ज्यादा नुकसान की खबर है. IMD ने केरल के 8 जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट' जारी किया है. पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में भी 31 मई तक बहुत भारी से अत्यंत भारी बारिश की संभावना है.

मौसम में अचानक आए बदलाव की बड़ी वजह
- पश्चमी विक्षोभ मौसम में बदलाव की खास वजह है. आमतौर पर सर्दियों में बारिश लाने वाला पक्षिमी विक्षोभ इस बार मई की गर्मी में एक्टिव रहा.
- जलवायु परिवर्तन मौसम के बदलाव में बड़ा कारण है. ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से वातावरण के नमी सहने की क्षमता में इजाफा किया है. इसकी वजह से ही आंधी, तूफान और बारिश जैसी घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है.
- चक्रवाती और प्रतिचक्रवाती हवाओं ने भी मौसम के बदलाव में अहम भूमिका निभाई है. राजस्थान के ऊपर दो चक्रवाती परिसंचरण और अरब सागर, बंगाल की खाड़ी से नमी वाली हवाओं की वजह से गर्मी के महीने में आंधी-बारिश देखी गई.
- दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के ऊपर प्री मॉनसून ट्रफ के एक्टिव होने की वजह से बंगाल की खाड़ी से आई नमी की वजह से मई में बारिश की घटनाएं बढ़ी हैं.
शहर-शहर बारिश का कहर
समय से पहल मॉनसून का देश में दस्तक देना भी मौसम के बदलाव का बड़ा संकेत है, आमतौर पर केरल में मॉनसून 1 जून को दस्तक देता है. लेकिन इस बार 24 मई को ही पहुंच गया. अब महाराष्ट्र से लेकर गोवा, कर्नाटक और ओडिशा तक हर जगह जमकर बारिश हो रही है.
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