रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
चीन से लगी सीमा पर तैनाती के लिये भारत अमेरिका से तोप खरीदेगा। इसे महज इत्तेफाक कहा जाए या फिर सोची समझी रणनीति, ये फैसला तब लिया गया जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीन के लिये रवाना हो गये थे।
डिफेंस एक्विजेशन काउंसिल यानी कि डीएसी की बैठक में फैसला लिया गया कि अमेरिका से सीधे 2900 करोड़ की लागत से 145 एम-777 तोप खरीदे जाएंगे। ये हल्के तोप अरुणाचल, सिक्किम के साथ लद्दाख सीमा पर तैनात किये जायेंगे। ऐसे तोपों को हेलीकॉप्टर के जरिये सीमा पर ले जाया जा सकता है।
इसके अलावा काउंसिल ने करीब 25,000 करोड़ के प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी। इसमें 11,929 करोड़ से 56 मीडियम ट्रांसपोर्ट विमान टाटा और एयरबस मिलकर बनाएंगे। 3,000 करोड़ की लागत से सेना और नौसेना के लिये 200 कामोव हेलीकॉप्टर लिये जाएंगे।
डिफेंस एक्विजेशन काउंसिल यानी कि डीएसी की बैठक में फैसला लिया गया कि अमेरिका से सीधे 2900 करोड़ की लागत से 145 एम-777 तोप खरीदे जाएंगे। ये हल्के तोप अरुणाचल, सिक्किम के साथ लद्दाख सीमा पर तैनात किये जायेंगे। ऐसे तोपों को हेलीकॉप्टर के जरिये सीमा पर ले जाया जा सकता है।
इसके अलावा काउंसिल ने करीब 25,000 करोड़ के प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी। इसमें 11,929 करोड़ से 56 मीडियम ट्रांसपोर्ट विमान टाटा और एयरबस मिलकर बनाएंगे। 3,000 करोड़ की लागत से सेना और नौसेना के लिये 200 कामोव हेलीकॉप्टर लिये जाएंगे।
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