नई दिल्ली:
जम्मू कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष को अगले महीने इस्लामाबाद में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीयू) की बैठक में आमंत्रित नहीं किए जाने पर पाकिस्तान के खिलाफ विरोध जताते हुए भारत बैठक का बहिष्कार करेगा। यह फैसला पंजाब और जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमलों को लेकर दोनों देशों में बढ़े तनाव के बीच आया है।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बैठक के बाद कहा, 'सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों की हुई बैठक में फैसला किया गया कि अगर जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष को आमंत्रित नहीं किया जाता तो भारत सीपीयू की बैठक का बहिष्कार करेगा।'
इससे पहले पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को इस्लामाबाद में 30 सितंबर से आठ अक्तूबर तक होने वाली अंतर संसदीय संघ की बैठक का बुलावा नहीं भेजा था, जबकि भारत में अन्य सभी विधानसभा अध्यक्षों को निमंत्रण भेजे गए।
सुमित्रा महाजन ने कहा कि यह सीपीयू के उस नियम के खिलाफ है जिसके तहत राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) के सभी सदस्य स्पीकरों को सीपीयू बैठक में आमंत्रित किया जाता है। उन्होंने कहा, 'यह (पाकिस्तान की ओर से) गलत हुआ है। उन्होंने जम्मू कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को आमंत्रित नहीं करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मुद्दा उठाने के संबंध में 1951-57 के एक पुराने नियम का जिक्र किया है।'
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि पाकिस्तान ने उस समय यह जवाब दिया जिस समय भारत ने जम्मू कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को आमंत्रित नहीं करने के खिलाफ सीपीए के अध्यक्ष और महासचिव के समक्ष मामले को पुरजोर तरीके से उठाया।
महाजन ने साफ किया कि बैठक में लोकसभा अध्यक्ष और भारत की सभी विधानसभाओं के अध्यक्ष शामिल हों, इसके लिए जम्मू कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को आमंत्रित करना पड़ेगा या स्थान बदलकर किसी दूसरे देश में बैठक करानी होगी।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने किसी पुराने नियम का हवाला देते हुए जम्मू कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को आमंत्रित करने में लाचारी जताई है जो अब अप्रासंगिक हो गया है। राज्य ने 2007 में इस तरह के सम्मेलन में भाग लिया था।
पाकिस्तान के फैसले को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि कोई निर्णय लेने से पहले विधानसभा अध्यक्षों से परामर्श करने के लिए आज की बैठक बुलाई गई थी।
बैठक में 31 विधानसभाओं के अध्यक्षों ने शिरकत की। इसमें विस्तार से चर्चा के बाद सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया और 61वें अधिवेशन में जम्मू कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को आमंत्रित नहीं करने के पाकिस्तान के फैसले को एकपक्षीय बताते हुए उसकी निंदा की गई।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बैठक के बाद कहा, 'सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों की हुई बैठक में फैसला किया गया कि अगर जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष को आमंत्रित नहीं किया जाता तो भारत सीपीयू की बैठक का बहिष्कार करेगा।'
इससे पहले पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को इस्लामाबाद में 30 सितंबर से आठ अक्तूबर तक होने वाली अंतर संसदीय संघ की बैठक का बुलावा नहीं भेजा था, जबकि भारत में अन्य सभी विधानसभा अध्यक्षों को निमंत्रण भेजे गए।
सुमित्रा महाजन ने कहा कि यह सीपीयू के उस नियम के खिलाफ है जिसके तहत राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) के सभी सदस्य स्पीकरों को सीपीयू बैठक में आमंत्रित किया जाता है। उन्होंने कहा, 'यह (पाकिस्तान की ओर से) गलत हुआ है। उन्होंने जम्मू कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को आमंत्रित नहीं करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मुद्दा उठाने के संबंध में 1951-57 के एक पुराने नियम का जिक्र किया है।'
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि पाकिस्तान ने उस समय यह जवाब दिया जिस समय भारत ने जम्मू कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को आमंत्रित नहीं करने के खिलाफ सीपीए के अध्यक्ष और महासचिव के समक्ष मामले को पुरजोर तरीके से उठाया।
महाजन ने साफ किया कि बैठक में लोकसभा अध्यक्ष और भारत की सभी विधानसभाओं के अध्यक्ष शामिल हों, इसके लिए जम्मू कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को आमंत्रित करना पड़ेगा या स्थान बदलकर किसी दूसरे देश में बैठक करानी होगी।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने किसी पुराने नियम का हवाला देते हुए जम्मू कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को आमंत्रित करने में लाचारी जताई है जो अब अप्रासंगिक हो गया है। राज्य ने 2007 में इस तरह के सम्मेलन में भाग लिया था।
पाकिस्तान के फैसले को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि कोई निर्णय लेने से पहले विधानसभा अध्यक्षों से परामर्श करने के लिए आज की बैठक बुलाई गई थी।
बैठक में 31 विधानसभाओं के अध्यक्षों ने शिरकत की। इसमें विस्तार से चर्चा के बाद सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया और 61वें अधिवेशन में जम्मू कश्मीर के विधानसभा अध्यक्ष को आमंत्रित नहीं करने के पाकिस्तान के फैसले को एकपक्षीय बताते हुए उसकी निंदा की गई।
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