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भारत ने किया ‘अग्नि-5’ बैलिस्टिक मिसाइल का सफल टेस्‍ट, पाकिस्‍तान की टेंशन क्‍यों बढ़ी?

इसकी पहुंच पूरे एशियाई महाद्वीप और यूरोप के कुछ हिस्सों तक है. इससे भारत की सामरिक शक्ति में अभूतपूर्व मजबूती आती है.

भारत ने किया ‘अग्नि-5’ बैलिस्टिक मिसाइल का सफल टेस्‍ट, पाकिस्‍तान की टेंशन क्‍यों बढ़ी?
  • ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से मध्यम दूरी की अग्नि 5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण.
  • अग्नि 5 मिसाइल के गाइडेंस सिस्टम और अंतिम सटीकता सहित सभी तकनीकी मानकों को रक्षा मंत्रालय ने सत्यापित किया.
  • यह मिसाइल 5,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मारक क्षमता रखती है और परमाणु तथा पारंपरिक वारहेड ले जा सकती है.
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नई दिल्‍ली:

भारत ने बुधवार को अपनी सामरिक सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल 'अग्नि 5' का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्‍ट रेंज से मिसाइल के परीक्षण ने सभी ऑपरेशनल और टेक्निकल स्‍टैंडर्ड को साबित किया. एक आधिकारिक बयान में कहा गया, 'मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल 'अग्नि 5' का 20 अगस्त को ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया.' 

मिसाइल क्षमता में बड़ी कामयाबी 

भारत की ओर से हुआ यह परीक्षण देश की मिसाइल क्षमता में एक बड़ी कामयाबी है. ‘अग्नि-5' बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज, चांदीपुर से किया गया। यह परीक्षण स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड की देखरेख में संपन्न हुआ. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस परीक्षण में बैलिस्टिक मिसाइल ने अपने सभी संचालनात्मक व तकनीकी मापदंडों को सफलतापूर्वक सत्यापित किया है. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस लॉन्‍च में ‘अग्नि-5' मिसाइल का गाइडेंस सिस्‍टम,  चरण विभाजन (स्टेज सेपरेशन), और अंतिम सटीकता (टर्मिनल एक्युरेसी) जैसे सभी पहलुओं को परखा और प्रमाणित किया गया. इस परीक्षण से यह भी सिद्ध हो गया कि भारत की सामरिक सेनाएं कम समय की तैयारी में भी इस मिसाइल को प्रक्षेपित करने में सक्षम हैं. 

क्‍या हैं इसकी खासियतें 

  • ‘अग्नि-5' की प्रमुख विशेषताओं की बात करें तो यह मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है. 
  • इसकी मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर से भी ज्‍यादा है. 
  • तकनीक की बात करें तो यह आधुनिक नेविगेशन, मार्गदर्शन और पुन प्रवेश प्रणाली से लैस है. 
  • भारत लगातार ‘अग्नि-5' की क्षमता, तकनीक व मारक क्षमता में इजाफा कर रहा है. 
  • यह मिसाइल परमाणु एवं पारंपरिक (नॉन-न्यूक्लियर) दोनों प्रकार के वारहेड ले जाने में सक्षम है. 
  • बड़ी बात यह भी है कि रोड-मोबाइल लॉन्चर से इसे लॉन्‍च किया जा सकता है. 

‘अग्नि-5' बैलिस्टिक मिसाइल स्वदेशी तकनीक पर आधारित है. यह डीआरडीओ की ओर से विकसित की गईं सर्वश्रेष्‍ठ मिसाइलों में से है. साथ ही ‘अग्नि-5' का सफल परीक्षण भारत की विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध और ‘पहले इस्तेमाल नहीं' की घोषित परमाणु नीति के प्रति प्रतिबद्धता की फिर से साबित करता है. 

यूरोप और पूरा एशिया जद में 

विशेषज्ञों के मुताबिक इसकी पहुंच पूरे एशियाई महाद्वीप और यूरोप के कुछ हिस्सों तक है. इससे भारत की सामरिक शक्ति में अभूतपूर्व मजबूती आती है. परीक्षण के दौरान समुद्र में तैनात जहाजों, राडारों और टेलीमेट्री स्टेशनों ने मिसाइल की उड़ान के रीयल टाइम में आकलन किया. इससे सभी तकनीकी डेटा का गहन विश्लेषण संभव हो सका. आपको बता दें कि अग्नि सीरीज भारत की परमाणु-सक्षम मिसाइलों का मुख्य आधार है. इसका पहला वर्जन यानी अग्नि-1 की मारक दूरी 700 किमी थी. भारत के पास 2,000 किमी की दूरी वाली अग्नि-2, 3,500 किमी की दूरी वाली अग्नि-3 के साथ अग्नि-4 भी है जिसकी रेंज 4,000 किमी से अधिक है. 
 

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