
नई दिल्ली:
सरकार ने शनिवार को उन खबरों का खंडन किया, जिनमें बताया जा रहा था कि उत्तर प्रदेश में ‘पोलियो जैसे लक्षण’ के साथ तकरीबन 200 नमूने जांच में पॉजिटिव पाए गए हैं। सरकार की तरफ से कहा गया है कि उसकी जांच में सभी मामले ‘नकारात्मक’ पाए गए हैं।
यह बयान तब आया है जब मीडिया के एक हिस्से ने खबर दी कि उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की तहसीलों में पोलियो जैसे लक्षणों के साथ 200 से अधिक नमूने जांच में पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया।
मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा, ‘भारत में चल रही निगरानी गतिविधियों के तहत जनवरी और जून 2015 के बीच तकरीबन 18000 एक्यूट फ्लेसिड पैरालिसिस (एएफपी) मामलों की जांच की गई है। मीडिया के एक हिस्से में बरेली से रिपोर्ट हुए 208 मामले इसका हिस्सा हैं। साल 2015 में प्रयोगशालाओं से हासिल सभी एएफपी मामलों की रिपोर्ट पोलियो के लिए नकारात्मक है।’ स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत पोलियो विषाणु की जांच की निगरानी के लिए उच्च निगरानी रखता है।
मंत्रालय ने कहा कि प्रत्येक वर्ष तकरीबन 50 हजार एएफपी मामले देशभर से लिए जाते हैं और पोलियो निगरानी नेटवर्क उसकी जांच करता है और साल 2012, 2013 और 2014 में जितने भी मामलों की जांच की गई है वो पोलियो विषाणु के लिए नकारात्मक पाए गए।
यह बयान तब आया है जब मीडिया के एक हिस्से ने खबर दी कि उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की तहसीलों में पोलियो जैसे लक्षणों के साथ 200 से अधिक नमूने जांच में पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया।
मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा, ‘भारत में चल रही निगरानी गतिविधियों के तहत जनवरी और जून 2015 के बीच तकरीबन 18000 एक्यूट फ्लेसिड पैरालिसिस (एएफपी) मामलों की जांच की गई है। मीडिया के एक हिस्से में बरेली से रिपोर्ट हुए 208 मामले इसका हिस्सा हैं। साल 2015 में प्रयोगशालाओं से हासिल सभी एएफपी मामलों की रिपोर्ट पोलियो के लिए नकारात्मक है।’ स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत पोलियो विषाणु की जांच की निगरानी के लिए उच्च निगरानी रखता है।
मंत्रालय ने कहा कि प्रत्येक वर्ष तकरीबन 50 हजार एएफपी मामले देशभर से लिए जाते हैं और पोलियो निगरानी नेटवर्क उसकी जांच करता है और साल 2012, 2013 और 2014 में जितने भी मामलों की जांच की गई है वो पोलियो विषाणु के लिए नकारात्मक पाए गए।
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