प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि दूसरे 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ' शिखर सम्मेलन का संदेश ये है कि ‘ग्लोबल साउथ' अपनी स्वायत्तता चाहता है और वैश्विक मामलों में बड़ी जिम्मेदारियां लेने के लिए तैयार है. उन्होंने भारत की मेजबानी में आयोजित विकासशील देशों के दूसरे डिजिटल शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में यह टिप्पणी की.
शिखर सम्मेलन में करीब 130 देशों के नेताओं की भागीदारी के बारे में मोदी ने कहा कि इससे यह संदेश निकला है कि ‘ग्लोबल साउथ' वैश्विक मामलों में बड़ी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है और वह स्वायत्तता चाहता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट' का संदेश यह है कि ‘ग्लोबल साउथ' वैश्विक शासन में अपनी आवाज चाहता है. उन्होंने कहा कि भारत को जी20 जैसे मंच के एजेंडे में ‘ग्लोबल साउथ' की आवाज उठाने का अवसर मिलने पर गर्व है.
#WATCH दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के दूसरे सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा, "एक साल के भीतर ग्लोबल साउथ के दो समिट होना और उसमें आप सभी का जुड़ना अपने आप में दुनिया के लिए बहुत बड़ा संदेश है। ये संदेश है कि ग्लोबल साउथ… pic.twitter.com/3DSBEiv8Cv
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 17, 2023
उन्होंने कहा, 'मुझे विश्वास है कि ब्राजील की जी20 अध्यक्षता के दौरान ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाया जाएगा तथा इसे और मजबूत किया जाएगा.'
पीएम ने कहा कि भारत ‘ग्लोबल साउथ' के लिए काम करना जारी रखेगा.
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