"भारत वास्‍तव में चमक रहा, दूसरे देशों को भी कर रहा रोशन", सभी के लिए बिजली पर बोले ऊर्जा मंत्री आरके सिंह

देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास कार्यों के दौरान कई मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. इसके बावजूद ऊर्जा के क्षेत्र में बेहतरीन काम किया है. ऊर्जा मंत्री कहते हैं कि ये सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों का ही परिणाम है.

नई दिल्‍ली : भारत सूर्यास्‍त के बाद रात में काफी चमक रहा है और इसमें 43 फीसदी की वृद्धि हुई है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने यह कहा है. ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने एनडीटीवी को बताया कि भारत वास्तव में चमक रहा है, क्योंकि अधिकांश गांव रोशन हैं. डाटा में 43 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई देती है, जिसका अर्थ  है कि 2012 की तुलना में ज्‍यादा जगहें बिजली से जुड़ी हैं. सिंह ने कहा कि गांवों में बिजली की आपूर्ति में करीब 40-50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. कुछ पिछड़े इलाकों को जितनी बिजली मिल रही थी, अब उससे चार गुना ज्यादा बिजली मिल रही है. बिहार को 10 साल पहले की तुलना में चार गुना ज्यादा बिजली मिल रही है. 

उन्‍होंने कहा, "देशभर में कुल मिलाकर बिजली की आपूर्ति में 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. ये दर्शाताा है कि सरकार ने वाकई काम किया है. एक सर्वे किया गया था एक एनजीओ द्वारा 2015 में और उस समय गांवों में बिजली की उपलब्‍धता लगभग 12 घंटे थी. इसके बाद जब 2021 में सर्वे किया गया, तब गांवों में बिजली की उपलब्‍धता करीब 22 घंटे हो गई थी. शहरों में तो बिजली की उपलब्‍धता 24 घंटे हो ही गई है." 

बिहार भी अब ऊपर से चमकता नजर आ रहा है. ऊर्जा मंत्री ने बताया, "बिहार में अगर हम 10 साल पहले की तुलना की बात करें, तो लगभग चार गुना ज्यादा बिजली की आपूर्ति में वृद्धि हुई है. ये बेहद संतोष की बात है. अरुणाचल और लद्दाख में भी अब बिजली आपूर्ति में बेहद सुधार हुआ है, ये सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों का ही परिणाम है. उन्‍होंने पहले हमें हर गांव तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्‍य दिया था. इसके कुछ समय बाद ही उन्‍होंने 'हर घर बिजली' पहुंचाने का लक्ष्‍य रखा, जिसे हमने पूरा कर लिया है. इतना बड़ा चैलेंज देना और इसे पूरा करना बहुत बड़ी बात है."

देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास कार्यों के दौरान कई मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. इसके बावजूद ऊर्जा के क्षेत्र में बेहतरीन काम किया है. इस बारे में आरके सिंह बातते हैं, "इसका पूरा श्रेय सभी राज्‍यों के कर्मचारियों को जाता है, जिन्‍होंने दिन-रात एक कर बेहद मुश्किल लक्ष्‍य को हासिल किया. कई ऐसे इलाके थे, जहां कोई मोटरवाहन नहीं जा सकता है. वहां कर्मचारी पहाड़ों पर खच्‍चर से ट्रांसफॉर्मर लेकर गए. कई जगह नदी-नालों पर बने लड़की के पुल से सामान को ले जाया गया. इसलिए मैं कहूंगा कि कठिनाइयां तो बहुत थीं, लेकिन टाइमलाइन भी थी. पीएम मोदी ने हमें 1000 दिन का लक्ष्‍य दिया था और हमने समय के भीतर इसे पूरा किया." 

जम्‍मू-कश्‍मीर में एक डोरू गांव है, जहां आजादी के बाद पहली बार बिजली आई है. ऊर्जा मंत्री ने बताया, "देश में बहुत से ऐसे गांव हैं, जहां पहली बार बिजली गई है. अगर टोलों की बात करें, तो लाखों टोलों में पहली बार बिजली गई है. गांवों की बात करें, तो करीब 19 हजार गांवों में पहली बार बिजली पहुंची है."

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2024 के लोकसभा चुनावों से पहले और क्‍या कायाकल्‍प देश में देखने को मिल सकता है? इस पर ऊर्जा मंत्री कहते हैं, "जनता देखती है कि क्‍या काम देशभर में हो रहा है. ऊर्जा के क्षेत्र में हमने आमूल-चूल परिवर्तन किया है. पहले हम इतनी बिजली नहीं बना पाते थे कि देशभर में वितरित कर सकें. अब हम बिजली बांग्‍लादेश और नेपाल को निर्यात कर रहे हैं. हमारा पूरा देश एक ग्रिड से जुड़ा है.